स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने विधानसभा में बताया कि बच्चों की मौत की वजह कम वजन, निमोनिया और सांस संबंधी समस्याएं थीं.
नागपुर: महाराष्ट्र में पिछले साल अप्रैल से लेकर इस साल फरवरी तक कम वजन, निमोनिया और सांस संबंधी शिकायतों सहित अन्य स्वास्थ्य कारणों से 13,500 से ज्यादा नवजात की मौत हो गई.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने विधानसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि जिन 13,541 बच्चों की मौत इस अवधि में हुई है, उनमें से 22 फीसदी बच्चों की मौत कम वजन होने की वजह से हुई थी.
सावंत ने बताया कि निमोनिया और जीवाणु के संक्रमण की वजह से सात फीसदी बच्चों की मौत हुई. वहीं सांस संबंधी दिक्कतों की वजह से 14 फीसदी बच्चों की मौत हो गई.
सावंत ने बताया कि 65 फीसदी बच्चों की मौत जन्म के 28 दिन बाद हो गई थी जबकि 21 बच्चों की मौत 28 दिन से एक साल के भीतर हुई थी.
मंत्री ने सदन में बताया, ‘स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली के अनुसार 3,778 नवजात की मौत 2017-18 में 24 घंटे के भीतर हो गई थी. मुंबई में भी इसी अवधि में 483 बच्चों की मौत हुई थी.
स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में बाल मृत्यु दर को कम करने और बच्चों के टीकाकरण संबंधी योजनाओं का भी उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि बच्चों की मृत्यु दर कम करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.