दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने यह भी सिफ़ारिश की है कि उपभोक्ताओं को डिजिटल दुनिया में मौजूद उनकी हर पहचान को ख़त्म करने का अधिकार मिलना चाहिए.
नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने निजता से जुड़े मामले में महत्वपूर्ण सिफारिश की है. ट्राई ने कहा कि जो कंपनियां उपयोगकर्ता से जुड़ी जानकारी (डेटा) संग्रह कर रही हैं, उनका उस पर कोई अधिकार नहीं है.
ट्राई ने इस बात पर जोर दिया कि जानकारी प्राप्त करने को लेकर उपभोक्ताओं की सहमति जरूरी है और उन्हें उसे भूला दिए जाने का भी अधिकार मिलना चाहिए.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मौजूदा डेटा संरक्षण मसौदे को अपर्याप्त बताया. नियामक ने दूरसंचार विभाग को दी सिफारिश में कहा कि कंपनियों को उपयोगकर्ताओं की पहचान के लिए उससे जुड़ी जानकारी का उपयोग नहीं करना चाहिए और अगर डेटा में कोई सेंध लगता है, उसका खुलासा किया जाना चाहिए.
ट्राई ने कहा कि प्रत्येक उपयोगकर्ता के व्यक्तिगत जानकारी होती है और अगर कोई जानकारी नियंत्रण और प्रसंस्करण के लिए किसी इकाई को दी जाती है तो उसे यह ध्यान रखना चाहिए कि वह उसका केवल संरक्षक है.
उसने कहा कि सभी को डेटा संरक्षण मसौदे के दायरे में लाया जाना चाहिए. नियामक ने कहा कि सरकार को उपकरणों, परिचालन प्रणाली (आपरेटिंग सिस्टम), ब्राउजर तथा एप्लीकेशन के नियमन को लेकर मसौदा अधिसूचित करना चाहिए.
ट्राई ने दूरसंचार विभाग को सुझाव दिया है कि उपभोक्ताओं को अपनी निजता की रक्षा के लिए चयन के विकल्प, उपयोग की सहमति या असहमति देने तथा संबंधित जानकारी को भूल जाने का अधिकार होना चाहिए.
उसने सुझाव दिया कि दूरसंचार ग्राहकों के व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग को रोकने के लिए डिजिटल व्यवस्था में काम करने वाली सभी इकाइयों को डेटा संरक्षण मसौदे के दायरे में लाना चाहिए.
नियामक ने यह सिफारिश ऐसे समय की है जब खासकर मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया मंचों पर उपयोगकर्ताओं से जुड़ी जानकारी के संदर्भ में निजता तथा सुरक्षा की चिंता बढ़ी है.
ट्राई ने ‘दूरसंचार क्षेत्र में निजता, सुरक्षा और जानकारी के मालिकाना हक’ पर अपनी सिफारिशों में कहा कि ग्राहक अपने से संबद्ध जानकारी के मालिक हैं और जो इकाइयां इसका नियंत्रण, प्रसंस्करण कर रही हैं, वे केवल उसकी संरक्षक हैं और उनका उस जानकारी पर कोई प्राथमिक अधिकार नहीं है.
ट्राई ने दूरसंचार विभाग को दी सिफारिश में कहा, ‘चयन का विकल्प, सहमति, डेटा पोर्टेबिलिटी और जानकारी को भूल जाने का अधिकार दूरंसचार ग्राहकों को मिलना चाहिए.’
नियामक ने कहा, ‘सरकार को आंकड़ों के मालिकाना हक, संरक्षण और निजता से जुड़ी दूरसंचार उपभोक्ता शिकायतों के समाधान के लिए व्यवस्था बनानी चाहिए.’