केंद्रीय और राज्य सूचना आयोग के खाली पद कब भरे जाएंगे: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, गुजरात, केरल और कर्नाटक की सरकारों को चार हफ़्ते में जवाब देने का निर्देश दिया.

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(फोटो: रॉयटर्स)

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, गुजरात, केरल और कर्नाटक की सरकारों को चार हफ़्ते में जवाब देने का निर्देश दिया.

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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में खाली पदों पर चिंता व्यक्त की है. न्यायालय ने केंद्र और सात राज्यों को चार सप्ताह के भीतर हलफ़नामा दाख़िल कर यह बताने का निर्देश दिया है कि रिक्त पदों पर कितने समय के भीतर नियुक्तियां हो जाएंगी.

जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग में इस समय चार पद रिक्त हैं और दिसंबर तक चार अन्य रिक्त हो जाएंगे.

पीठ ने केंद्र से जानना चाहा कि 2016 में विज्ञापन देने के बावजूद केंद्रीय सूचना आयोग में पद अभी तक खाली क्यों हैं?

केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग में चार पदों पर नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया गया है क्योंकि 2016 के विज्ञापन के बाद इन पदों पर नियुक्तियां नहीं की गई थीं.

इस पर पीठ ने आनंद से कहा कि 2016 में विज्ञापन के बावजूद इन पदों पर नियुक्तियां नहीं होने के कारणों के साथ हलफ़नामा दाख़िल किया जाए.

राज्य सूचना आयोगों में भी लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए पीठ ने महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, गुजरात, केरल और कर्नाटक की सरकारों को हलफ़नामे दाख़िल करने का निर्देश दिया. इन हलफ़नामों में रिक्त पदों पर नियुक्तियों का कार्यक्रम भी देना होगा.

शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र या राज्यों द्वारा चार सप्ताह के भीतर हलफ़नामा दाख़िल नहीं किए जाने को गंभीरता से लिया जाएगा.

आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र ने बीते शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दिन केंद्रीय सूचना आयोग में चार रिक्त पदों पर नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया है, इसी से उनके रवैये का पता चलता है.

उन्होंने कहा कि दिसंबर तक मुख्य सूचना आयुक्त, जो सेवानिवृत्त हो रहे है, सहित चार पद रिक्त हो जाएंगे.

इस पर पीठ ने कहा, ‘परेशान मत हों, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सारे रिक्त पदों पर नियुक्तियां हों.’

न्यायालय ने इस मामले को चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया और कहा कि इसके बाद किसी को भी हलफ़नामा दाख़िल करने के लिये अतिरिक्त वक़्त नहीं दिया जाएगा.

आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज, कमोडोर (सेवानिवृत्त) लोकेश बत्रा और अमृता जौहरी ने याचिका में दावा किया है कि केंद्रीय सूचना आयोग में 23,500 से अधिक अपील तथा शिकायतें लंबित हैं.

याचिका में यह भी कहा गया है कि आंध्र प्रदेश का राज्य सूचना आयोग तो पूरी तरह ठप है क्योंकि वहां एक भी सूचना आयुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है जबकि पश्चिम बंगाल राज्य सूचना आयोग में दो सूचना आयुक्त ही हैं जो दस साल पहले दायर अपील और शिकायतों पर सुनवाई कर रहे हैं.

याचिका में कहा गया है कि गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्य सूचना आयोग मुख्य सूचना आयुक्त के बगैर ही काम कर रहे हैं.

याचिका में दावा किया गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में समय पर आयुक्तों की नियुक्तियां नहीं करके सूचना के अधिकार क़ानून को ख़त्म करने का प्रयास कर रहे हैं.