बीते दिनों कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि राहुल गांधी हमारा चेहरा हैं. हम उनके नेतृत्व में जनता के बीच जाएंगे. जब हम सबसे बड़ा दल होंगे तो वही चेहरा होंगे. शक की कोई गुंजाइश नहीं है.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाने के विपक्षी दलों के प्रयास के बीच कांग्रेस ने तय किया है कि फिलहाल पूरा ध्यान विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर नरेंद्र मोदी को हराने पर लगाया जाएगा और प्रधानमंत्री पद के बारे में निर्णय चुनाव नतीजे आने के बाद होगा.
पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है.
सूत्रों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन के लिए सपा, बसपा एवं अन्य भाजपा विरोधी दलों के बीच भी रणनीतिक समझ बन गई है. उन्होंने दावा किया कि अगर उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में सही से गठबंधन हो गया तो भाजपा सत्ता में नहीं लौटने वाली है.
लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा पेश करने के सवाल पर सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस फिलहाल दो चरणों में काम कर रही है. पहला चरण सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाकर भाजपा और नरेंद्र मोदी को हराने का है. दूसरा चरण चुनाव परिणाम का है जिसके बाद दूसरे बिंदुओं पर बात होगी.
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री पद को लेकर चुनाव से पहले बातचीत करना विभाजनकारी होगा.
उन्होंने कहा कि सारे विपक्षी दलों में यह व्यापक सहमति बन चुकी है कि सभी को मिलकर भाजपा और आरएसएस को हराना है.
उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के सवाल पर कांग्रेस के सूत्रों ने कहा, ‘बातचीत चल रही है, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि गठबंधन को लेकर रणनीतिक सहमति बन गई है.’
उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में सही से गठबंधन हो गया तो भाजपा की 120 सीटें अपने आप कम हो जाएंगी और उत्तर प्रदेश में तो सत्तारूढ़ पार्टी पांच सीटों पर सिमट जाएगी.’
कांग्रेस सूत्रों ने यह भी दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों में पार्टी की लोकसभा सीटों में काफी इजाफा होगा.
शिवसेना के साथ तालमेल की संभावना के सवाल पर कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि हमारा गठबंधन समान विचाराधारा वाले दलों के साथ हो सकता है और शिवसेना एवं कांग्रेस की विचाराधारा अलग है, इसलिए उसके साथ गठबंधन नहीं हो सकता.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के बीच पुराना गठबंधन है और वह आगे भी जारी रहेगा.
गौरतलब है कि बीते दिनों कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था, ‘राहुल गांधी हमारा चेहरा हैं. हम उनके नेतृत्व में जनता के बीच जाएंगे. जब हम सबसे बड़ा दल होंगे तो वही चेहरा होंगे. शक की कोई गुंजाइश नहीं है.’
सुरजेवाला के इस बयान के बाद कुछ विपक्षी दलों ने अप्रत्यक्ष तौर पर इस पर आपत्ति भी जताई थी.
इस बीच कांग्रेस से यह खबर आना राजनीतिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हो जाती है.
कांग्रेस का दावा उत्तर प्रदेश में महागठबंधन को लेकर बनी रणनीतिक समझ
वहीं, उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) को लेकर महागठबंधन बनाने की कवायद में जुटी कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में भाजपा के खिलाफ व्यापक तालमेल को लेकर रणनीतिक समझ बन गई है, हालांकि इसे अंतिम रूप देने के लिए बातचीत चल रही है.
पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन के लिए सपा, बसपा एवं अन्य भाजपा विरोधी दलों के बीच भी रणनीतिक समझ बन गई है.
उन्होंने दावा किया कि अगर उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में सही से गठबंधन हो गया तो भाजपा सत्ता में नहीं लौटने वाली है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, सपा, बसपा और रालोद के बीच महागठबंधन बनाने को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही हैं.
हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि सीटों के तालमेल को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है.