‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा असल में ‘भाजपा विधायकों से बेटियों को बचाओ’ है: राहुल गांधी

महिला अधिकार सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा में अन्य संगठन भी हैं जहां महिलाएं हैं लेकिन आरएसएस पूरी तरह से पुरुषों के प्रभुत्व वाला संगठन है जो महिलाओं को जगह देने में विश्वास नहीं रखता.

New Delhi: Congress President Rahul Gandhi addresses his supporters during 'Mahila Adhikar Sammelan', in New Delhi on Tuesday, Aug 07, 2018. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI8_7_2018_000047B)
New Delhi: Congress President Rahul Gandhi addresses his supporters during 'Mahila Adhikar Sammelan', in New Delhi on Tuesday, Aug 07, 2018. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI8_7_2018_000047B)

महिला अधिकार सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा में अन्य संगठन भी हैं जहां महिलाएं हैं लेकिन आरएसएस पूरी तरह से पुरुषों के प्रभुत्व वाला संगठन है जो महिलाओं को जगह देने में विश्वास नहीं रखता.

New Delhi: Congress President Rahul Gandhi addresses his supporters during 'Mahila Adhikar Sammelan', in New Delhi on Tuesday, Aug 07, 2018. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI8_7_2018_000047B)
नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला अधिकार सम्मेलन को संबोधित किया. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बिहार तथा उत्तर प्रदेश के बालिका गृहों सहित कथित बलात्कार की घटनाओं पर चुप रहने का आरोप लगाया और कहा कि मोदी सरकार में महिलाओं के ख़िलाफ़ जो हो रहा है वह भारत में पिछले तीन हज़ार सालों में भी नहीं हुआ.

गांधी ने कहा कि उनका लक्ष्य कांग्रेस में 50 प्रतिशत महिलाओं को लाने का है. उन्होंने कहा कि भाजपा इस तरह का नज़रिया पेश नहीं कर सकती क्योंकि इसका मूल संगठन आरएसएस पुरुषों के प्रभुत्व वाला संगठन है.

सरकार के नारे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के संदर्भ में गांधी ने कहा कि असल में यह ‘भाजपा विधायकों से बेटियों को बचाओ’ है. दरअसल गांधी बलात्कार के मामलों में आरोपी कुछ भाजपा नेताओं के परोक्ष संदर्भ में बात कर रहे थे.

उन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में आश्रय गृहों में लड़कियों के बलात्कार के बीच, महिलाओं के ख़िलाफ़ अत्याचारों पर मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए.

राहुल गांधी ने नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘महिला अधिकार सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री हर चीज़ पर बोलते हैं, बुलेट ट्रेन पर, शौचालय पर लेकिन महिलाओं पर नहीं. महिलाओं पर जब भी अत्याचार होते हैं, वह नहीं बोलते.’

गांधी ने कहा, ‘(उन्होंने) भारत को बदलने की बात कही थी, 70 सालों की बात की थी… उन्होंने पिछले चार सालों में महिलाओं के ख़िलाफ़ जो कुछ किया वह इस देश में, 70 साल तो छोड़िए पिछले तीन हज़ार सालों में नहीं हुआ.’

गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए उनकी पार्टी का पूरा समर्थन देने का वादा भी किया. उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार इसे लेकर नहीं आती है तो कांग्रेस सत्ता में आने के तुरंत बाद इसे लेकर आएगी.

उन्होंने कांग्रेस के भीतर महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें संगठन में आगे लेकर आने तथा एक न एक दिन राज्य या देश का नेतृत्व देने की भी बात की.

उन्होंने एसआईसीसी की केंद्रीय इकाइयों में और महिलाओं को शामिल करने का भी वादा किया और कहा, ‘देश को उनकी ज़रूरत है.’

उन्होंने कहा, ‘यूपी में महिलाओं का बलात्कार हुआ, प्रधानमंत्री इस पर एक शब्द भी नहीं बोले. झारखंड और विभिन्न राज्यों में महिलाओं का बलात्कार होता है, बिहार में छोटी बच्चियों का बलात्कार हुआ लेकिन हमारे प्रधानमंत्री इस पर एक शब्द नहीं बोल सकते.’

उन्नाव बलात्कार मामले के संदर्भ में गांधी ने कहा कि यूपी में ‘उनके विधायक पर बलात्कार का आरोप है’ लेकिन प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं बोलते. उन्होंने कहा कि देश में महिलाएं डरकर बाहर निकलती हैं.

गांधी ने कहा कि वह जब भी विदेश जाते हैं और नेताओं को गले लगाते हैं तो उनके पास इस सवाल का जवाब नहीं होता कि भारत में महिलाएं सुरक्षित क्यों नहीं हैं?

उन्होंने कहा, ‘हम कांग्रेस पार्टी में आपके लिए जगह बनाने जा रहे हैं. हमें हमारी पार्टी में महिलाओं के लिए विशेष जगह बनानी होगी. हमें हर स्तर पर जगह बनानी होगी.’

गांधी ने आरोप लगाया, ‘आरएसएस और भाजपा देश को इस तरह का दृष्टिकोण कभी भी नहीं दिखा सकेंगी. उनके मूल संगठन आरएसएस ने अपने संगठन में कभी भी किसी महिला को घुसने नहीं दिया. भाजपा में अन्य संगठन भी हैं जहां महिलाएं हैं लेकिन आरएसएस पूरी तरह से पुरुषों के प्रभुत्व वाला संगठन है जो महिलाओं को जगह देने में विश्वास नहीं रखता. इसलिए जो हम कर सकते हैं वह वे नहीं कर सकते.’

उन्होंने कहा कि जिस दिन कोई महिला आरएसएस में प्रवेश पा गई, यह आरएसएस नहीं रहेगा.

उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस विचारधारा यह है कि भारत को पुरुष चलाएंगे, महिलाएं इस देश को नहीं चला सकतीं.

गांधी ने कहा, ‘महिलाओं की जगह पीछे है और पुरुषों की जगह आगे है. यह हमारे और उनके बीच सबसे बड़ा अंतर है.’

प्रधानमंत्री पर करारा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस द्वारा विभिन्न संस्थानों पर निशाना साधा जा रहा है और उन्होंने देश को ‘बर्बाद’ कर दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एकजुट होकर आगामी दिनों में उन्हें परास्त करेगी.

गांधी ने कहा, ‘देश में संस्थानों पर हमला हो रहा है, फिर चाहे संसद हो, विधानसभा हो या न्यायपालिका हो. अल्पसंख्यक, महिलाओं, आदिवासियों, छोटे कारोबारियों पर हमला हो रहा है. हम आने वाले दिनों में भाजपा से लड़ेंगे और उन्हें हराएंगे.’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी और विपक्ष भाजपा की विचारधारा से लड़ने के लिए एकजुट होकर काम कर रहे हैं. हम वैचारिक युद्ध लड़ रहे हैं.’

बीते चार साल से लंबित महिला आरक्षण विधेयक के बारे में कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि भाजपा में इस मुद्दे पर प्रतिबद्धता की कमी है और उन्होंने भाजपा के वैचारिक मार्गदर्शक आरएसएस के उदाहरण का हवाला दिया और आरएसएस को ‘पुरुषों का एकाधिकारवादी संगठन’ बताया.

कांग्रेस में महिलाओं को आगे लाने और उन्हें उनकी हक़ की जगह दिलाने का वादा करते हुए गांधी ने सम्मेलन में ‘योर राइट इज़ अवर फाइट’ (आपका हक़, हमारी लड़ाई) का नारा दिया और कहा कि आप इसमें जोड़ सकते हैं ‘योर राइट इज़ कांग्रेस प्रेसीडेंट्स फाइट’ (आपका हक़, कांग्रेस अध्यक्ष की लड़ाई).

उन्होंने महिलाओं को नीति, घोषणापत्र तैयार करने और संगठन में आगे लाने का वादा किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनका काम यह सुनिश्चित करना है कि संगठन में महिलाओं को बराबरी की जगह मिले.

उन्होंने कहा कि अगर उनसे चुनाव में उम्मीदवार चुनने के लिए कहा जाए जो वह ज़्यादा सक्षम को चुनेंगे. गांधी ने कहा, ‘अगर दोनों बराबरी की क्षमता रखते हैं तो मैं महिला को उम्मीदवार के रूप में चुनूंगा.’

उन्होंने और महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव ने महिला कांग्रेस का झंडा और प्रतीक जारी किया. गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस मीडिया को डरा रहे हैं और उन्होंने मीडिया से अब चिंता नहीं करने के लिए कहा.