बिहार: टिस की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में 17 आश्रय गृहों की स्थिति चिंताजनक

बिहार के समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की उस सोशल ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है जिसने मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के यौन शोषण का खुलासा किया था.

Muzaffarpur: Central Bureau of Investigation (CBI) along with the officers of Central Forensic Science Laboratory (CFSL) investigate the shelter home, where 34 minor girls were allegedly raped, in Muzaffarpur on Saturday, Aug 11, 2018. (PTI Photo) (PTI8_11_2018_000174B)
Muzaffarpur: Central Bureau of Investigation (CBI) along with the officers of Central Forensic Science Laboratory (CFSL) investigate the shelter home, where 34 minor girls were allegedly raped, in Muzaffarpur on Saturday, Aug 11, 2018. (PTI Photo) (PTI8_11_2018_000174B)

बिहार के समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की उस सोशल ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है जिसने मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के यौन शोषण का खुलासा किया था.

Muzaffarpur: Central Bureau of Investigation (CBI) along with the officers of Central Forensic Science Laboratory (CFSL) investigate the shelter home, where 34 minor girls were allegedly raped, in Muzaffarpur on Saturday, Aug 11, 2018. (PTI Photo) (PTI8_11_2018_000174B)
मुज़फ़्फ़रपुर के बालिका गृह की जांच करती सीबीआई और फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम. (फोटो: पीटीआई)

पटना: बिहार के समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) द्वारा सौंपी गई उस सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट) रिपोर्ट को गुरुवार को सार्वजनिक कर दिया जिसके आधार पर मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के यौन शोषण का मामला प्रकाश में आया था.

रिपोर्ट में इन बाल गृहों की स्थिति पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया गया है. समाज कल्याण विभाग ने यह रिपोर्ट वेबसाइट पर प्रकाशित की है.

गत 27 अप्रैल को सौंपी गई चार खंडों की इस रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर जिले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के स्वयंसेवी संगठन सेवा संकल्प एवं विकास समिति द्वारा संचालित बालिका गृह के साथ ही प्रदेश में संचालित कुल 17 अल्पावास गृह, आश्रय गृह एवं बाल गृहों की स्थिति को गंभीर चिंता का विषय बताया गया है.

रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह के साथ ही मोतिहारी में ‘निर्देश’ द्वारा संचालित बाल गृह, भागलपुर में ‘रूपम प्रगति समाज समिति’ द्वारा संचालित बाल गृह, मुंगेर में ‘पनाह’ द्वारा संचालित बाल गृह, गया में ‘डोर्ड’ द्वारा संचालित बाल गृह, अररिया में सरकार द्वारा संचालित बाल संप्रेक्षण गृह, पटना में ‘इकार्ड’ द्वारा संचालित अल्पावास गृह, मोतिहारी में ‘सखी’ द्वारा संचालित अल्पावास गृह का भी नाम लिया गया है.

इसके अलावा मुंगेर में ‘नॉवेल्टी वेलफेयर सोसाइटी’ द्वारा संचालित अल्पावास गृह, मधेपुरा में ‘महिला चेतना विकास मंडल’ द्वारा संचालित अल्पावास गृह, कैमूर में ‘ग्राम सेवा स्वराज संस्था’ द्वारा संचालित अल्पावास गृह, मुजफ्फरपुर में ‘ओम साईं फाउंडेशन’ द्वारा संचालित सेवा कुटीर, गया में ‘मेटा बुद्धा ट्रस्ट’ द्वारा संचालित सेवा कुटीर और पटना में डानबोस्को टेक सोसाईटी द्वारा संचालित कौशल कुटीर तथा तीन अडॉप्शन एजेंसी, पटना के नारी गुंजन, मधुबनी के रवेस्क और कैमूर के ज्ञान भारती का भी जिक्र किया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन स्थानों पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार से कहा था कि वह राज्य में आश्रय गृहों की टिस द्वारा की गई सोशल ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करे.

इस पर बिहार सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने पीठ को बताया था कि टिस द्वारा तैयार राज्य के आश्रय गृहों की सोशल ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है.

बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के आवास, अन्य परिसरों की सीबीआई ने ली तलाशी

वहीं, मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले में सीबीआई ने बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के आवास सहित पांच परिसरों की शुक्रवार सुबह तलाशी ली.

अधिकारियों ने कहा कि वर्मा के पांच परिसरों के अलावा एनजीओ के संचालक ब्रजेश ठाकुर और उनके मित्रों तथा रिश्तेदारों के सात परिसरों पर भी तलाशी की गई.

उन्होंने बताया कि पूर्व सामाजिक कल्याण मंत्री वर्मा के पटना स्थित तीन और मोतिहारी तथा भागलपुर स्थित एक-एक परिसरों पर छापे मारे गए.

वर्मा ने उनके पति पर आश्रय-गृह की बच्चियों के यौन शोषण के संबंध में आरोप लगने के बाद पिछले सप्ताह पद से इस्तीफा दे दिया था.

सीबीआई ने बालिका गृह यौन शोषण मामले में आश्रय गृह के पदाधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

सीबीआई प्रवक्ता का कहना है, ‘आरोप है कि सेवा संकल्प एवं विकास समिति द्वारा संचालित आश्रय गृह के पदाधिकारी/कर्मचारी वहां रहने वाली बच्चियों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते और उनका यौन शोषण करते थे.’

मालूम हो कि बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर शहर में स्थित एक बालिका गृह में रह रहीं 42 लड़कियों में से 34 के साथ बलात्कार होने की पुष्टि हो चुकी है. इससे पहले यहां रह रहीं 29 लड़कियों से बलात्कार की पुष्टि हुई थी.

बलात्कार की शिकार हुई लड़कियों में से कुछ 7 से 13 साल के बीच की हैं.

मुज़फ़्फ़रपुर के साहू रोड स्थित इस सरकारी बालिका गृह को सेवा संकल्प एवं विकास समिति की ओर से संचालित किया जाता था.

मामला तब प्रकाश में आया जब इस साल के शुरू में टिस की ‘कोशिश’ टीम ने अपनी समाज लेखा रिपोर्ट में दावा किया था कि बालिका गृह की कई लड़कियों ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है. उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है और आपत्तिजनक हालातों में रखा जाता है.

इस सोशल ऑडिट के आधार पर बिहार सामाजिक कल्याण विभाग ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई. पीड़ित लड़कियों में से कुछ के गर्भवती होने की भी ख़बर सामने आई थी.

इस मामले में बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 10 आरोपियों- किरण कुमारी, मंजू देवी, इंदू कुमारी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, विकास कुमार एवं रवि कुमार रोशन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.

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