यूआईडीएआई ने इसके साथ चेतावनी भी दी कि अगर बच्चों को आधार के बिना दाखिला देने से मना किया जाता है तो वह कानून के तहत अवैध होगा और ऐसा करने की अनुमति नहीं है.
नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा कि स्कूल आधार कार्ड के अभाव में बच्चों को दाखिला देने से इनकार नहीं कर सकते हैं और ऐसा करना अवैध करार दिया जाएगा.
यूआईडीएआई ने स्कूलों को प्रोत्साहित किया कि वह स्थानीय बैंकों, डाक कार्यालयों, राज्य शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के साथ मिलकर अपने परिसर में बच्चों का आधार कार्ड बनवाने और उसे अपडेट कराने के लिए विशेष शिविर लगाएं.
यूआईडीएआई ने कहा, ‘यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आधार कार्ड की वजह से किसी भी बच्चे को लाभ और उसके अधिकार से वंचित न किया जाए.’
यूआईडीएआई ने इसके साथ चेतावनी भी दी कि अगर बच्चों को आधार के बिना दाखिला देने से मना किया जाता है तो वह कानून के तहत अवैध होगा और ऐसा करने की अनुमति नहीं है.
यूआईडीएआई का यह कदम छात्रों और उन बच्चों के माता-पिता के लिए बड़ी राहत है जिनके पास आधार संख्या नहीं था.
यूआईडीएआई ने कहा, ‘जब तक ऐसे छात्रों के लिए आधार नंबर जारी नहीं हो जाता और बायोमेट्रिक को अपडेट नहीं कर दिया जाता तब तक उन्हें सभी सुविधाएं पहचान स्थापित करने के अन्य माध्यमों के जरिए मुहैया कराई जाए.’