मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि कई बार सरकार की उपलब्धियों के प्रकाशन को पेड न्यूज़ बताया जाता है, तो विपक्षी दलों द्वारा उसके ख़िलाफ़ हुई शिकायतों के निराधार पाए जाने पर भी उसी तरह की कार्रवाई होनी चाहिए.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में इस साल के अंत में संभावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बुधवार को चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि उनकी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों की ओर से लगाये जा रहे आरोपों और शिकायतों की जांच कर इनके गलत पाये जाये पर इन्हें ‘पेड न्यूज’ की श्रेणी में रखते हुये इनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए.
चौहान ने मध्य प्रदेश के भाजपा प्रभारी विनय सहत्रबुद्धे के साथ बुधवार को आयोग के समक्ष अपने प्रतिवेदन में यह अनुरोध किया है.
इसके अलावा उन्होंने आयोग से मतदान के दिन मतदान केंद्रों पर हर दो घंटे के अंतराल पर मतदान का प्रतिशत डिस्प्ले बोर्ड पर जारी करने का भी अनुरोध किया, जिससे राजनीतिक दल मतदान का प्रतिशत कम होने पर मतदाताओं को मतदान करने के लिये प्रेरित कर सकें.
चौहान ने संवाददाताओं को बताया, ‘मध्य प्रदेश में कांग्रेस मैदान में चुनाव नहीं लड़ रही है. बल्कि शिकायतें करने कभी निर्वाचन आयोग आती है और कभी न्यायालय में आती है. निराधार आरोप लगाकर झूठी शिकायतों के आधार पर भ्रम का वातावरण पैदा किया जा रहा है.’
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में 60 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियों में जोड़ देने की आयोग में शिकायत की. जांच में यह शिकायत निराधार पाई गई.
उन्होंने दलील दी कि मध्य प्रदेश में उनकी पार्टी 15 साल से सत्ता में है, इसलिये वह जनता के बीच अपनी उपलब्धियों के आधार पर ही जायेंगे.
उन्होंने कहा ‘कई बार (सरकार की) उपलब्धियों के अखबारों में प्रकाशन होने पर इसे ‘पेड न्यूज’ का मामला बताया जाता है. इसलिये हमने आयोग से आग्रह किया है कि कांग्रेस अदालत में भी शिकायतें कर, इनका प्रकाशन अखबारों में कराती है. इन शिकायतों के गलत पाये जाने पर ऐसे मामलों में भी ‘पेड न्यूज’ की तरह कार्रवाई होनी चाहिए.’
चौहान ने कहा कि इस तरह की निराधार शिकायतों से प्रदेश की छवि तो खराब होती ही है, साथ ही आयोग की भी निष्पक्ष छवि पर सवाल खड़े करने की कोशिश की जाती है.
लोकतंत्र में चुनाव की प्रक्रिया के दूषित होने की आशंका व्यक्त करते हुये उन्होंने आयोग से आग्रह किया कि इस तरह की शिकायतों की गहराई से जांच की जाये और इनके गलत पाये जाने पर शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
चौहान ने बताया कि आयोग को दिये अन्य सुझावों में उन्होंने स्टार प्रचारकों के लिये जिले की बजाय पूरे प्रदेश के लिये प्रचार करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है. इससे उम्मीदवारों के समय की बचत होगी.