नीदरलैंड्स की डिजिटल सुरक्षा कंपनी गेमाल्टो ने अपनी उस रपट को वापस ले लिया है, जिसमें कहा गया था कि भारत डेटा सेंधमारी मामलों में इस साल की पहली छमाही में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर रहा है.
नई दिल्ली: डिजिटल सुरक्षा से जुड़ी कंपनी गेमाल्टो ने आधार के डेटाबेस की चोरी से जुड़ी रपट के लिए शनिवार को राष्ट्रीय समाचार पत्रों के ज़रिये सार्वजनिक माफी मांग ली.
कंपनी ने अपनी उस रपट को वापस ले लिया है, जिसमें कहा गया था कि भारत डेटा सेंधमारी मामलों में इस साल की पहली छमाही में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर रहा है. यह रिपोर्ट बीते 15 अक्टूबर को जारी किया गया था.
रपट में कहा गया था कि आधार आंकड़ों से ‘समझौते’ की वजह से सेंधमारी का आंकड़ा ऊंचा रहा.
कंपनी ने कहा कि देश की विशिष्ट पहचान संख्या को लेकर ग़लतफ़हमियों को दूर करने के लिए वह एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर रही है.
‘भारत के लोगों से गेमाल्टो की माफी’ शीर्षक नोटिस में कहा गया है, ‘गेमाल्टो ने डेटा की सेंधमारी को लेकर ग़लत सूचकांक और प्रेस विज्ञप्ति का प्रकाशन किया था, जिसमें आधार डेटा की कथित सेंधामरी को लेकर अपुष्ट ख़बर को शामिल किया गया था.’
नोटिस में कहा गया है, ‘गेमाल्टो के सीईओ के तौर पर मैं फिलिप वाल्ले इस गलत रपट और प्रेस विज्ञप्ति के प्रकाशन के लिए गहरा खेद प्रकट करता हूं.’
ऐसा समझा जा रहा है कि कंपनी ने पांच राष्ट्रीय दैनिकों के सभी संस्करणों में माफ़ीनामे का प्रकाशन किया है.
वाल्ले ने कहा है, ‘हमारा इरादा अनजाने में इस ग़लती के ज़रिये कभी भी भारत की प्रतिष्ठित पहचान मिशन परियोजना आधार को बदनाम करना नहीं था. हम आंतरिक जांच शुरू कर रहे हैं और आंतरिक तौर पर अन्य कार्रवाई करेंगे.’
गेमाल्टो ने अपनी वेबसाइट पर सूचकांक के संशोधित अंश के प्रकाशन के साथ ही कहा है कि वह यह विज्ञापन लोगों को सही जानकारी पहुंचाने के अपनी कोशिशों के तहत प्रकाशित कर रहा है.
(नोट: गेमाल्टो की ओर से अख़बारों में माफीनामा प्रकाशित किए जाने के बाद इस ख़बर को अपडेट किया गया है.)