कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भी चुनाव मैदान में उतरेंगे.
नई दिल्ली/जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज़ होने के बीच भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा सांसद हरीश मीणा बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. आम चुनाव से पहले इसे भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. उनके अलावा भाजपा विधायक हबीबुर्रहमान ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है.
चुनाव से ठीक पहले हुए इस राजनीतिक घटना को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. इसके साथ ही इन दोनों दलों में ‘अवसरवादी नेताओं’ को लेकर आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नमोनारायण मीणा के छोटे भाई और दौसा से सांसद हरीश मीणा ने नयी दिल्ली में जबकि नागौर से विधायक हबीबुर्ररहमान ने जयपुर में प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की.
नई दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा पार्टी के राज्य प्रभारी अविनाश पांडे ने मीणा का स्वागत किया.
मीणा का कांग्रेस में स्वागत करते हुए पार्टी के संगठन महासचिव गहलोत ने कहा, ‘पूरे देश में कांग्रेस में शामिल होने के लिए लोगों की कतार लगी गई. आज इसी क्रम में मीणा बिना किसी शर्त के कांग्रेस में शामिल हुए हैं.’
उन्होंने कहा कि मीणा के आने से राजस्थान में पार्टी मज़बूत होगी.
इस मौके पर सचिन पायलट ने कहा कि मीणा का परिवार पुराना कांग्रेसी रहा है और उनके आने से पार्टी को ताकत मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘राजस्थान से वसुंधरा राजे सरकार की विदाई होने जा रही है. भाजपा कुछ भी कर ले, राजस्थान की जनता उसे सत्ता से हटाएगी.’
गौरतलब है कि हरीश मीणा पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं. संप्रग सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त राज्य मंत्री रहे नमो नारायण मीणा हरीश मीणा के बड़े भाई हैं. अशोक गहलोत जब राजस्थान के मुख्यमंत्री थे उन दिनों हरीश मीणा राज्य के पुलिस महानिदेशक थे.
मीणा 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे. उन्होंने 2014 में भाजपा के टिकट पर दौसा से लोकसभा चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में हरीश मीणा ने अपने भाई और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नमो नारायण मीणा को हराया था.
इस सीट पर हरीश विजयी रहे जबकि किरोड़ीलाल मीणा दूसरे और नमो नारायण मीणा तीसरे स्थान पर आए.
वहीं जयपुर में नागौर से भाजपा विधायक हबीबुर्रहमान ने सांसद रघु शर्मा व अन्य नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की.
हबीबुर्रहमान पहले कांग्रेस में ही थे और 2001-03 की गहलोत सरकार में मंत्री रहे. वह 2008 में टिकट नहीं मिलने पर वह भाजपा में चले गए. उन्होंने 2008 व 2013 का चुनाव भाजपा की टिकट से लड़ा व जीता, लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस की राह कर ली.
इस अवसर पर उन्होंने कहा, ‘मैं आज घर वापस आ गया हूं. पार्टी से जुड़ने की कोई शर्त नहीं रखी गई.’
क्या वह चुनाव लड़ेंगे यह पूछे जाने पर रहमान ने कहा, ‘चुनाव कौन नहीं लड़ना चाहता?’ हालांकि सांसद रघु शर्मा ने कहा कि पार्टी के टिकट तो अध्यक्ष राहुल गांधी की मंज़ूरी के बाद ही जारी किए जाएंगे.
आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
इस बीच कांग्रेस और भाजपा में ‘अवसरवादी नेताओं’ को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है. सांसद हरीश मीणा के कांग्रेस में जाने पर भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा ने उन्हें अवसरवादी क़रार दिया.
उन्होंने कहा, ‘इसका आदिवासी बहुत इलाकों में मतदाताओं पर कोई प्रभाव नहीं पडेगा. लोग जानते है कौन अवसरवादी है और अवसरवादी कहीं भी जा सकता है.’
इस पर कांग्रेस सांसद रघु शर्मा ने कहा ने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा ख़ुद अवसरवादिता के सबसे बड़े उदाहरण हैं.
शर्मा ने कहा, ‘किरोड़ी लाल की पत्नी गोलमा देवी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री थीं. मीणा ने 2013 का विधानसभा चुनाव नेशनल पीपल्स पार्टी के प्रत्याशी के रूप में लड़ा और फिर भाजपा में शामिल हो गए. वह भाजपा की ओर से राज्यसभा सदस्य बन गए और अब उनकी पत्नी को भाजपा ने अपनी पहली ही सूची में टिकट दे दिया है. वह अवसरवादिता का उत्कृष्ठ उदाहरण हैं.’
कांग्रेस मेरा घर, मैं वापस आया हूं: मीणा
दौसा के सांसद हरीश मीणा का कहना है कि कांग्रेस उनका घर है और वह अपने घर में वापस आए हैं.
मीणा ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं बिना किसी शर्त के कांग्रेस में शामिल हुआ हूं. कांग्रेस मेरा घर है और मैं अपने घर में वापस आया हूं.’
यह पूछे जाने पर कि, क्या पार्टी ने उन्हें टिकट का आश्वासन दिया है, उन्होंने कहा, ‘मैं बिना शर्त पार्टी में आया हूं.’
इस बीच गहलोत ने स्पष्ट किया है कि राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव में वह ख़ुद और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट चुनाव मैदान में उतरेंगे.
गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा की ओर से प्रचारित किया जा रहा था कि कांग्रेस में फूट है, अंदरूनी कलह है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं यानी गहलोत और पायलट दोनों ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.’
इस मौके पर मौजूद पायलट ने भी कहा, ‘राहुल गांधी के निर्देश और गहलोत जी के निवेदन पर मैं चुनाव लडूंगा. गहलोत जी भी चुनाव लड़ेंगे.’
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों के लिए सात दिसंबर को चुनाव होगा.
राजस्थान में गहलोत, पायलट लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव में वह ख़ुद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट चुनावी मैदान में उतरेंगे.
गहलोत ने कहा, ‘भाजपा की ओर से प्रचारित किया जा रहा था कि कांग्रेस में फूट है, अंदरूनी कलह है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं (गहलोत) और पायलट दोनों ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.’
इस मौके पर मौजूद पायलट ने भी कहा, ‘राहुल गांधी के निर्देश और गहलोत जी के निवेदन पर मैं चुनाव लडूंगा. गहलोत जी भी चुनाव लड़ेंगे.’
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों के लिए सात दिसंबर को मतदान होगा.