सोहराबुद्दीन के भाई ने कहा, प्रजापति ने मुझे उसके फर्जी एनकाउंटर के बारे में बताया था

सोहराबुद्दीन शेख़ के भाई रुबाबुद्दीन ने अदालत को बताया कि तुलसीराम प्रजापति ने उसे बताया था कि उसके भाई को फ़र्ज़ी एनकाउंटर में मारा गया है. सोहराबुद्दीन के साथी प्रजापति की भी 2006 में एक कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मौत हुई थी.

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सोहराबुद्दीन शेख़ और पत्नी कौसर बी (फाइल फोटो)

सोहराबुद्दीन शेख़ के भाई रुबाबुद्दीन ने अदालत को बताया कि तुलसीराम प्रजापति ने उसे बताया था कि उसके भाई को फ़र्ज़ी एनकाउंटर में मारा गया है. सोहराबुद्दीन के साथी प्रजापति की भी 2006 में एक कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मौत हुई थी.

सोहराबुद्दीन शेख़ और पत्नी कौसर बी.
सोहराबुद्दीन शेख़ और पत्नी कौसर बी.

मुंबई: सोहराबुद्दीन शेख के भाई रुबाबुद्दीन ने शनिवार को कहा कि तुलसीराम प्रजापति ने उसे गुजरात पुलिस द्वारा सोहराबुद्दीन के कथित अपहरण और बाद में नवंबर 2005 में फर्जी मुठभेड़ में उसकी मौत के बारे में बताया था.

सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन शेख ने विशेष सीबीआई अदालत में ये बयान दिया. सोहराबुद्दीन के साथी प्रजापति की भी 2006 में एक कथित फर्जी मुठभेड़ में मौत हुई थी.

रुबाबुद्दीन सीबीआई को दिए अपने इस बयान पर कायम रहा कि उसका भाई सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ में मारा गया था. वहीं ये भी आरोप है कि सोहराबुद्दीन की पत्नी कौसर बी के साथ दुष्कर्म के बाद पुलिस ने उसे बाद में मार दिया था.

रुबाबुद्दीन ने अदालत को बताया, ‘सोहराबुद्दीन के साथी तुलसी प्रजापति ने मुझे बताया था कि जब मेरा भाई मारा गया तो वह मौजूद था. जब मैंने उससे पूछा कि उसे क्यों नहीं मारा गया तो उसने बताया कि वह हिंदू है, उसे सोहराबुद्दीन के साथ आतंकी नहीं बताया जा सकता था, जो मुसलमान था.’

रुबाबुद्दीन कहा कि एक रिश्तेदार ने 26 नवंबर, 2005 को उसे बताया कि सोहराबुद्दीन मारा गया है और परिवार को अहमदाबाद सिविल अस्पताल में उसकी लाश पहचानकर लानी होगी.

उन्होंने कहा कि हम अहमदाबाद गए. हमने आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के दफ्तर में जाकर एक अधिकारी से पूछा कि मेरा भाई क्यों मारा गया और कौसर बी कहां है तो कोई जवाब नहीं मिला.

रुबाबुद्दीन के मुताबिक उसने गुजरात पुलिस को भी पत्र लिखा था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में गुजरात और राजस्थान पुलिस के अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग वाली याचिका दाखिल करने और कौसर बी का पता पूछने के लिए याचिका दाखिल करने के बाद जवाब में गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह भी मारी गई.