मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में ड्यूटी के दौरान इंदौर, गुना और धार में तीन मतदान कर्मचारियों की बीमारी के कारण मौत हो गई.
भोपाल: मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटों के लिए हो रहे मतदान में बुधवार को शाम छह बजे तक 74.61 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.
निर्वाचन आयोग के अनुसार इस दौरान तीन मतदान कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान बीमारी के कारण मृत्यु हो गई.
इसके अलावा, इस मतदान में कुछ स्थानों पर ईवीएम मशीन भी ख़राब हुई. चुनाव के दौरान किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है.
मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांता राव ने भोपाल में संवाददाताओं को बताया, ‘मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में छह बजे तक 74.61 प्रतिशत मतदान हुआ. उम्मीद है कि यह अभी बढ़ेगा.’
उन्होंने कहा कि मतदान प्रतिशत के बढ़ने की संभावना है.
आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में 72.69 प्रतिशत मतदान हुआ था.
राव ने बताया कि मतदान के दौरान बुधवार को बीमारी के कारण इंदौर, गुना और धार में एक एक कर्मचारियों की ड्यूटी पर मौत हो गई. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक तीनों मृतकों के परिजन को 10-10 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान प्रदेश के किसी भी हिस्से से हिंसा की ख़बर नहीं मिली है.
इस बीच बुधनी से भाजपा के उम्मीदवार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह के साथ पैतृक गांव जैत में मतदान किया. जैत बुधनी विधानसभा क्षेत्र में है. इससे पहले मुख्यमंत्री ने मंदिर में पूजा अर्चना की. चौहान के ख़िलाफ़ पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण सिंह कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद कमलनाथ बेटे नकुलनाथ और बहू के साथ सौंसर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शिकारपुर स्थित प्राथमिक शाला पर वोट डालकर भोपाल के लिए रवाना हो गए.
प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में वोट डाला.
1146 ईवीएम में ख़राबी, 1545 वीवीपैट मशीन बदले गए
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांता राव ने बताया कि प्रदेश में कुल 1,146 ईवीएम में तकनीकी ख़राबी हुई, जिन्हें एक घंटे के अंदर बदल दिया गया, जो कुल ईवीएम का एक प्रतिशत है.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, कुल 1,545 वीवीपैट भी बदले गए हैं जो कुल वीवीपैट का 2.36 प्रतिशत है.
राव ने कहा कि हमने कहीं पर भी चुनाव में रुकावट नहीं होने दी.
उन्होंने बताया सबसे ज़्यादा सतना में वीवीपैट बदलना पड़ा, जिससे सतना शहर में डेढ़ से दो घंटे के बीच चुनाव में रुकावट आई. अब वहां पर भी मतदान सुचारु रूप से चल रहा है.
ईवीएम मशीनों के ख़राब होने के संबंध में कमलनाथ ने ट्वीट पर कहा, ‘प्रदेश भर से बड़ी संख्या में ईवीएम मशीन ख़राब व बंद की जानकारी सामने आ रही है… इससे मतदान प्रभावित हो रहा है… मतदान केंद्रो पर लंबी लाइनें लग गई हैं… इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे? चुनाव आयोग अविलंब इस पर निर्णय ले… तत्काल बंद मशीनों को बदले’.
प्रदेश भर से बड़ी संख्या में ईवीएम मशीन ख़राब व बंद की जानकारी सामने आ रही है…
इससे मतदान प्रभावित हो रहा है….मतदान केंद्रो पर लम्बी लाइनें लग गयी है…इतनी बड़ी गड़बड़ी केसे ?
चुनाव आयोग अविलंब इस पर निर्णय ले…तत्काल बंद मशीनो को बदले…— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 28, 2018
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राव ने कहा कि मतदान के दौरान प्रदेश के किसी भी हिस्से से हिंसा की ख़बर नहीं मिली है. मतदान शांतिपूर्ण चल रहा है.
उन्होंने कहा कि भिंड के गढपुरा इलाके स्थित मोहन का पुरा में दो पक्षों के बीच हुए विवाद में गोलियां चलाई गईं. इस विवाद में एक व्यक्ति घायल हुआ है. उसे गोली लगी या नहीं, अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि, यह घटना चुनाव से संबंधित नहीं है.
इस अहम चुनाव में भाजपा लगातार चौथी दफा प्रदेश की सत्ता में आने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही है, वहीं विपक्षी दल कांग्रेस पिछले 15 साल से सत्तारूढ़ भाजपा को सत्ता से बेदख़ल करने का प्रयास कर रही है.
भाजपा ने अबकी बार 200 सीट पार का लक्ष्य तय किया है. मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हो रहे हैं.
मध्य प्रदेश में इस बार भी मुख्य रूप से भाजपा एवं कांग्रेस के बीच मुक़ाबला होने की उम्मीद है.
हालांकि, प्रदेश में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (आप) का दावा है कि वह दिल्ली वाली अपनी सफलता को राज्य में दोहराएगी, जहां 2015 के चुनाव में उसने कांग्रेस और भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया था.
इसके अलावा, कई अन्य पार्टियां इस बार मैदान में हैं, जिनमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को केंद्र सरकार द्वारा पलटे जाने के विरोध में सवर्ण संगठनों द्वारा बनाई गई सपाक्स समाज पार्टी शामिल है.
भाजपा ने सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 229 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं और एक सीट अपने सहयोगी शरद यादव के लोकतांत्रिक जनता दल के लिए छोड़ी है. आप 208 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, बसपा 227, शिवसेना 81 और सपा 52 सीटों पर चुनावी मैदान में है.
ये छोटी पार्टियां प्रदेश की मुख्य दलों भाजपा एवं कांग्रेस के लिए सिर दर्द बन गई हैं, क्योंकि ये इनकी जीत को हार में बदलने की अहम भूमिका अदा कर सकते हैं.
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी एल कांता राव ने बीते 27 नवंबर को बताया था कि इस चुनाव में कुल 5,04,95,251 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे जिनमें 2,63,01,300 पुरुष, 2,41,30,390 महिला एवं 1,389 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल हैं.
उन्होंने बताया था कि इनमें से 65,000 सर्विस मतदाता डाक मतपत्र से पहले ही मतदान कर चुके हैं. बाकी 5,04,33,079 मतदाता आज अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.
उन्होंने बताया था कि इस चुनाव के लिए 1,094 निर्दलीय उम्मीदवार सहित कुल 2,899 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 2,644 पुरुष, 250 महिलाएं एवं पांच ट्रांसजेंडर शामिल हैं.
उन्होंने बताया था कि समूचे राज्य में 65,367 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं. इनमें से 17,000 मतदान केन्द्र संवेदनशील घोषित किए गए हैं, जहां केंद्रीय पुलिस बल और वेबकास्टिंग के साथ माइक्रो पर्यवेक्षक भी तैनात किए गए हैं. सभी मतदान केंद्रों पर मतदान के लिये ईवीएम के साथ वीवीपैट का उपयोग होगा.
उन्होंने बताया कि राज्य में शांतिपूर्वक, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए 1.80 लाख सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें केंद्रीय और राज्य के सुरक्षाकर्मी शामिल हैं.
चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित कराने के लिए पूरी तैयारी की है.
राव ने बताया कि प्रदेश में कुल 3,00,782 कर्मचारी चुनाव कार्य में लगाए गए थे, जिनमें 45,904 महिला कर्मचारी शामिल थे.