फ़र्ज़ी मुठभेड़, पुलिस वैन से खींचकर व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या मामले में योगी सरकार को नोटिस

बीते 27 नवंबर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के 20 वर्षीय युवक इरशाद अहमद की गोली मार कर हत्या कर दी थी. बीते 26 नवंबर को शामली में राजेंद्र नामक युवक की पुलिस वैन से खींचकर हत्या कर दी गई थी.

/
Moradabad: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath attends a function at Dr BR Ambedkar Police Academy, in Moradabad on Monday, July 9, 2018. (PTI Photo) (PTI7_9_2018_000114B)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

बीते 27 नवंबर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के 20 वर्षीय युवक इरशाद अहमद की गोली मार कर हत्या कर दी थी. बीते 26 नवंबर को शामली में राजेंद्र नामक युवक की पुलिस वैन से खींचकर हत्या कर दी गई थी.

Moradabad: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath attends a function at Dr BR Ambedkar Police Academy, in Moradabad on Monday, July 9, 2018. (PTI Photo) (PTI7_9_2018_000114B)
योगी अादित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/लखनऊ: 29 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मुज़फ़्फ़रनगर में पुलिस द्वारा एक कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में एक युवक की गोली मारकर हत्या की ख़बरों पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है.

इसके अलावा आयोग ने बीते दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली ज़िले में पुलिस वैन से खींचकर एक युवक की पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना पर संज्ञान लेते हुए योगी सरकार को नोटिस जारी किया है.

एनएचआरसी ने एक बयान जारी कर कहा कि पुलिस बल का यह महत्वपूर्ण कर्तव्य है कि वह लोगों की रक्षा करे और अपराध से निपटने की आड़ में डर का माहौल पैदा ना करें.

इसमें कहा गया है, ‘किसी मुठभेड़ में हुई मौत अगर न्यायसंगत नहीं है तो इसे गैर इरादतन हत्या का एक अपराध माना जाएगा.’

मानवाधिकार आयोग ने कहा, ‘एनएचआरसी ने मीडिया की एक रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया जिसमें कहा गया है कि 27 नवंबर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मुज़फ़्फ़नगर ज़िले के 20 वर्षीय युवक इरशाद अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी थी. खबर में बताया गया है कि उसके पिता ने कहा है कि उसके बेटे का कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है और एक फ़र्ज़ी मुठभेड़ में उसकी सुनियोजित हत्या कर दी.’

इसके आधार पर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया गया और चार सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया.

एनएचआरसी के मुताबिक 28 नवंबर को मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, यह मुठभेड़ मंगलवार को मुज़फ़्फरनगर ज़िले में स्थित पीड़ित के गांव नागला से 12 किलोमीटर दूर हुई.

पीट-पीटकर हत्या किये जाने के मामले में भी योगी सरकार को नोटिस

इसके अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने शामली ज़िले में भीड़ द्वारा एक व्यक्ति की पुलिस वाहन से खींचकर कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है.

आयोग ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया गया है.

आयोग ने मीडिया की ख़बरों पर स्वत: संज्ञान लिया, जिनमें बताया गया था कि 28 वर्षीय राजेंद्र उर्फ मनु को पुलिस वैन से बाहर निकाला गया और पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी गयी. घटना 26 नवंबर की है.

आयोग ने कहा कि ख़बरें अगर सही हैं तो यह मानवाधिकार के उल्लंघन का मामला है.
विज्ञप्ति में कहा गया कि पुलिस का कर्तव्य था कि उसकी हिरासत में लिया गया व्यक्ति सुरक्षित हो.

आयोग ने कहा कि ऐसा लगता है कि उपद्रवी तत्वों के चंगुल से व्यक्ति को नहीं छुड़ाये जाने के कारण ही उसकी मौत हो गई.

विज्ञप्ति में कहा गया कि घटना की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी.