कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम देश के नए मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त

सुब्रमण्यम का कार्यकाल तीन साल का होगा. वह इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद में प्राध्यापक हैं. आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों में पढ़ चुके सुब्रमण्यम ने शिकागो विश्वविद्यालय से वित्तीय अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है.

सुब्रमण्यम का कार्यकाल तीन साल का होगा. वह इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद में प्राध्यापक हैं. आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों में पढ़ चुके सुब्रमण्यम ने शिकागो विश्वविद्यालय से वित्तीय अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है.

Krishnamurthy Subramanian Twitter
प्रोफेसर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: प्रोफेसर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम को देश का नया मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया है. वह इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस हैदराबाद में प्राध्यापक हैं. सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

उल्लेखनीय है कि इस साल की शुरुआत में अरविंद सुब्रमण्यम के करीब साढ़े चार साल बाद वित्त मंत्रालय को छोड़ने के बाद से मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद छोड़ना पड़ा था.

कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम का कार्यकाल तीन साल का होगा.

एक सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, ‘नियुक्ति मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम को मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी प्रदान कर दी. वह आईएसबी हैदराबाद में सहायक प्राध्यापक हैं.’

सुब्रमण्यम के पास शिकागो बूथ स्कूल से पीएचडी की उपाधि है.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ चुके सुब्रमण्यम ने शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से वित्तीय अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है.

मुख्य आर्थिक सलाहकार की नियुक्ति के लिए सरकार ने जुलाई में आवेदन आमंत्रित किए थे.

मुख्य आर्थिक सलाहकार का प्रमुख काम विदेश व्यापार और औद्योगिक विकास के मुद्दों पर नीतिगत सलाह देना होता है. साथ ही औद्योगिक उत्पादन के रुखों का आकलन और अहम आर्थिक संकेतकों पर सांख्यिकी जानकारी जारी करना है.

हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नए आर्थिक सलाहकार कब से अपना पदभार संभालेंगे.

आईएसबी की वेबसाइट के अनुसार सुब्रमण्यम की बैंकिंग, कारपोरेट कामकाज और आर्थिक नीति जैसे विषयों पर विशेष पकड़ है. वह भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के लिए कारपोरेट गर्वनेंस समिति और भारतीय रिजर्व बैंक के लिए बैंक गवर्नेंस समिति में विशेषज्ञ के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

इसके अलावा वह सेबी की वैकल्पिक निवेश नीति, प्राथमिक बाजार, द्वितीयक बाजार एवं शोध पर स्थायी समितियों के सदस्य रह चुके हैं. वह बंधन बैंक, राष्ट्रीय बैंक प्रबंधन संस्थान और आरबीआई अकादमी के निदेशक मंडल के भी सदस्य हैं.