बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह से भाजपा नेताओं की नाराज़गी से संबंधित एक पत्र मिला है. इसे लेकर जांच के आदेश दिए गए है.
लखनऊ/मेरठ: बुलंदशहर में पिछले दिनों एक पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में शुक्रवार को पांच और अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया गया.
पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) एसके भगत ने लखनऊ में संवाददाताओं को बताया कि बुलंदशहर के स्याना में गत तीन दिसंबर को स्याना कोतवाली के इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के मामले में चंद्र, रोहित, सोनू, नितिन और जितेंद्र नामक अभियुक्तों को शुक्रवार को गिरफ़्तार कर लिया गया. इस मामले में अब तक कुल नौ अभियुक्तों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को गिरफ़्तार किए गए अभियुक्तों में कोई भी नामज़द मुलज़िम नहीं था. इन सबकी पहचान घटना के वीडियो फुटेज और चश्मदीदों की गवाही के आधार पर की गई है. इन सभी से पूछताछ की जा रही है.
भगत ने बताया कि मामले के अन्य अभियुक्तों की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं.
भगत ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह हत्याकांड में जीतू फौज़ी नामक सेनाकर्मी की संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर बताया कि वह इंस्पेक्टर हत्याकांड मामले में नामज़द अभियुक्त है.
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक वह जम्मू कश्मीर में तैनात है. पुलिस की एक टीम वहां गई है और उम्मीद है कि जल्द ही उसे गिरफ़्तार कर लिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि घटना में जीतू की क्या भूमिका थी यह विशेष जांच दल (एसआईटी) की तफ्तीश में पता चलेगा.
भगत ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक (अभिसूचना) एसबी शिरोडकर द्वारा इस मामले में की गई जांच की गोपनीय रिपोर्ट शुक्रवार को सक्षम अधिकारी को भेज दी गई है.
उन्होंने एक अन्य सवाल पर बताया एसआईटी की जांच रिपोर्ट में अभी कुछ समय लग सकता है क्योंकि वह वारदात के एक-एक पहलू पर ग़ौर करके छानबीन कर रही है.
मालूम हो कि गत तीन दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना इलाके के चिंगरावटी क्षेत्र में कथित गोकशी के को लेकर उग्र भीड़ की हिंसा में थाना कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह तथा सुमित नामक एक अन्य युवक की मृत्यु हो गई थी.
इस मामले में 27 नामज़द लोगों तथा 50-60 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है.
बता दें कि बुलंदशहर हिंसा मामले और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या मामले में मुख्य आरोपी बजरंग दल के नेता योगेश राज को बनाया गया है, हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में योगेश राज ने ख़ुद को निर्दोष बताया है.
योगेश के बाद बीते छह नवंबर को बुलंदशहर हिंसा में वांछित एक और अभियुक्त शिखर अग्रवाल का वीडियो सामने आया था. इसमें शिखर स्वयं को निर्दोष और हिंसा में मारे गए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को भ्रष्ट क़रार दिया है.
क्या इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की कार्यप्रणाली से नाराज़ से भाजपा नेता?
उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के स्याना में हिंसा के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की कार्यप्रणाली से स्थानीय भाजपा नेता क्या नाराज़ थे. यह सवाल यहां इसलिए उठ रहा है क्योंकि सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है जो स्थानीय भाजपा नेताओं का बताया जाता है.
बुलंदशहर से सांसद डॉ. भोला सिंह को हिंसा से दो दिन पहले भेजे गए इस पत्र में कहा गया था कि इंस्पेक्टर का व्यवहार जनता के प्रति अभद्र है और क्षेत्र में चोरी, पशु चोरी, अवैध कटान जैसी घटनाएं बढ़ गई हैं.
सांसद के अनुसार, उन्होंने पत्र वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजकर कार्रवाई की मांग की थी.
बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक केबी सिंह ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में शुक्रवार को माना कि उन्हें इस तरह का पत्र प्राप्त हुआ था. उनसे जब पूछा गया कि इस पर क्या कार्रवाई की गई, तो उन्होंने कहा कि जांच के आदेश दे दिए गए थे.
सोशल मीडिया पर वायरल पत्र को एक दिसंबर को स्याना के भाजपा नेताओं ने सांसद डॉ. भोला सिंह को भेजा था. पत्र पर भाजपा के नगर महामंत्री स्याना संजय श्रोत्रिय, नगर उपाध्यक्ष कपिल त्यागी, पूर्व सभासद मनोज त्यागी, मंडल अध्यक्ष बीबीनगर नीरज चौधरी, भाजपा विधानसभा संयोजक स्याना विजय कुमार लोधी और ब्लॉक प्रमुख पुष्पेंद्र यादव के हस्ताक्षर हैं.
पत्र में सांसद से कहा गया था कि स्याना कोतवाल सुबोध कुमार का व्यवहार आम जनता के प्रति अभद्र है. क्षेत्र में चोरी, पशु चोरी, अवैध कटान की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. क्षेत्र में वाहन जांच के नाम पर नगरवासियों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है और अवैध वसूली की जा रही है.
इस पत्र में लिखा है कि हिंदुओं के धार्मिक कार्यों के आयोजन में अड़चन पैदा की जा रही है, जिससे हिंदू समाज में आक्रोश पनप रहा है. ऐसे पुलिस अधिकारियों का तत्काल तबादला कराकर इनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही कराने की कृपा करें.
इस संबंध में सांसद का कहना है कि स्याना क्षेत्र के भाजपा नेताओं ने एक दिसंबर को इंस्पेक्टर की कार्यशैली के संबंध में पत्र भेजा था, जिसे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजकर पूरे मामले से अवगत करा दिया गया था. इसके बावजूद पुलिस अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया.