दिल्ली के रामलीला मैदान में विश्व हिंदू परिषद की रैली में रविवार को हजारों लोग अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग के साथ जुटे थे. इस दौरान आरएसएस के वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी ने कहा कि जो लोग सत्ता में हैं, उन्हें मंदिर बनवाना चाहिए.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता सुरेश ‘भैयाजी’ जोशी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के अपने वादे को पूरा नहीं करने को लेकर रविवार को भाजपा पर परोक्ष हमला करते हुए केंद्र सरकार से राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग की.
रामलीला मैदान में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की एक रैली में बोलते हुए आरएसएस के सरकार्यवाह ने कहा, ‘जो आज सत्ता में हैं, उन्होंने राम मंदिर बनाने का वादा किया था. उन्हें लोगों की बात सुननी चाहिए और अयोध्या में राम मंदिर की मांग को पूरा करना चाहिए. वो लोग भावनाओं से अवगत हैं.’
भाजपा का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, ‘हम इसके लिए भीख नहीं मांग रहे हैं. हम अपनी भावनाएं प्रकट कर रहे हैं. देश ‘राम राज्य’ चाहता है.’
संसद के शीतकालीन सत्र से कुछ दिन पहले विश्व हिंदू परिषद की रैली में रविवार को हजारों लोग अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग के साथ रामलीला मैदान में जुटे थे.
अयोध्या में संबंधित भूमि के मालिकाना हक का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. अदालत अगले साल जनवरी में इस मामले की सुनवाई के तारीख की घोषणा करेगी. लेकिन यह विवाद पिछले 25 साल से अनसुलझा है. दक्षिणपंथी संगठनें केंद्र सरकार से अदालत से परे जा कर मंदिर निर्माण की दिशा में आगे बढ़ने की मांग कर रहे हैं.
रैली में हरिद्वार के स्वामी हंसदेवाचार्य ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘चेतावनी’ देते हुए कहा कि हम उन्हें तब तक सीट से उतरने नहीं देंगे जब तक राम मंदिर बन नहीं जाता. उन्हें जरूर अपना वादा पूरा करना चाहिए.
जोशी के अलावा वीएचपी अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे और इसके अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार भी इस रैली को संबोधित कर सकते हैं.
रामलीला मैदान में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और ऊंची जगहों पर स्नाइपर तैनात किए गए हैं. इस रैली के लिए वीएचपी ने लोगों के घर-घर जाकर प्रचार अभियान चलाया था.
वीएचपी के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, ‘राम मंदिर के निर्माण के लिए जो लोग विधेयक लाने के पक्ष में नहीं हैं, यह जबरदस्त रैली उन लोगों का हृदय परिवर्तन करेगी.’
संगठन ने मंदिर के अपने अभियान के पूर्व के चरणों में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राज्य के राज्यपालों से मुलाकात की थी. आने वाले चरण में वे मंदिरों और मठों में धार्मिक अनुष्ठान और प्रार्थना आयोजित करेंगे.
इस अभियान का समापन प्रयाग में साधु-संतों की धर्म संसद’ के साथ होगा. अंतिम ‘धर्म संसद’ 31 जनवरी और एक फरवरी को आयोजित होगी.