अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनके राज्य में शरण लेने के इच्छुक लोगों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को ‘अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ के मौके पर कहा कि प्रवासियों को शरण देना मानवीय दायित्व है.
बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार पश्चिम बंगाल में शरण लेने के इच्छुक लोगों का अपनी क्षमता के अनुसार पूरा ध्यान रखेगी.
बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘आज अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस है. प्रवासियों को शरण देना हमारा मानवीय दायित्व है. हम बंगाल में शरण लेने के इच्छुक लोगों का अपनी क्षमता के अनुसार पूरा ध्यान रखेंगे.’
Today is International Migrants Day. It is our humanitarian obligation to give refuge to migrants. In #Bangla we will take care of anyone who seeks shelter in our State, to the best of our abilities
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 18, 2018
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम मसौदे से 40 लाख लोगों को बाहर किए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी केंद्र की भाजपा-नीत सरकार की कटु आलोचन करती रही हैं.
जिन लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं किए गए हैं ममता ने उन्हें पश्चिम बंगाल आकर रहने का प्रस्ताव भी दिया था.
मालूम हो कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का मसौदा 30 जुलाई को प्रकाशित किया गया था जिसमें असम के 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम ही शामिल किए गए थे. इस सूची में 40,70,707 लोगों के नाम नहीं थे. इनमें से 37,59,630 नाम अस्वीकार कर दिए गए थे जबकि 2,48,077 नाम रोक लिए गए थे.
उच्चतम न्यायालय ने असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मसौदे में नाम शामिल कराने के बारे में दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अवधि बुधवार को 31 दिसंबर तक बढ़ा दी.
अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस 18 दिसंबर को मनाया जाता है. इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प 55/93 के तहत 18 दिसंबर, 2000 को अपनाया गया.