उत्तर प्रदेश: दलित युवक की हिरासत में मौत, छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज

उत्तर प्रदेश के अमरोहा का मामला. मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई से पति की मौत हुई और पुलिस ने उन्हें रिहा करने के लिए रिश्वत की मांग की थी. मामले में 11 पुलिसकर्मी निलंबित किए जा चुके हैं.

(फोटो साभार: ट्विटर/यूपी पुलिस)

उत्तर प्रदेश के अमरोहा का मामला. मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई से पति की मौत हुई और पुलिस ने उन्हें रिहा करने के लिए रिश्वत की मांग की थी. मामले में 11 पुलिसकर्मी निलंबित किए जा चुके हैं.

(फोटो साभार: ट्विटर/यूपी पुलिस)
(फोटो साभार: ट्विटर/यूपी पुलिस)

अमरोहा (उत्तर प्रदेश): अमरोहा के धनौरा क्षेत्र में पुलिस हिरासत में एक दलित युवक की हत्या के आरोप में प्रभारी निरीक्षक और एक दारोगा समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. इस संबंध में 11 पुलिसकर्मियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है.

अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि मृतक दलित युवक के परिजन जयप्रकाश की तहरीर पर मंडी धनौरा के प्रभारी निरीक्षक अरविंद मोहन शर्मा, दारोगा मनोज उपाध्याय, हेड मोहर्रिर रविंद्र राणा, सिपाही विनीत चौधरी, सिपाही जितेंद्र, सिपाही विवेक समेत छह पुलिसकर्मियों के विरुद्ध बालकिशन (30) की हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. इसके अलावा एससी/एसटी एक्ट भी लगाया गया है.

मृतक की पत्नी कुंती ने लखनऊ में पुलिस द्वारा एप्पल कंपनी के कर्मचारी विवेक तिवारी की हत्या मामले की तर्ज पर मुआवजा राशि और सरकारी नौकरी की मांग की है. लंबित मांगों को लेकर राज्य राजमार्ग पर काफी संख्या में लोगों ने जाम लगाया.

अमरोहा के मंडी धनौरा क्षेत्र के बसी शेरपुर निवासी बालकिशन को बीते 23 दिसंबर को चोरी के वाहन खरीदने के आरोप में पूछताछ के लिए थाने लाकर पुलिस ने हवालात में बंद कर दिया था.

मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात युवक की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने मृतक के परिजनों को घटना की सूचना 26 दिसंबर को दी.

मृतक की पत्नी कुंती का आरोप है कि पुलिस द्वारा की गई पिटाई की वजह से बालकिशन की मृत्यु हुई. पुलिस बालकिशन को छोड़ने के लिए रुपयों की मांग कर रही थी.

सूत्रों ने बताया कि पुलिस हिरासत में युवक की मृत्यु की सूचना मिलते ही बुधवार को  ग्रामीणों ने हाईवे पर जाम लगाया. भीड़ ने उपजिलाधिकारी के वाहन में तोड़फोड़ भी की.

उपजिलाधिकारी (एसडीएम) संजय बंसल तथा पुलिस क्षेत्राधिकारी मोनिका यादव द्वारा आक्रोशित भीड़ को बताया गया कि दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.

ग्रामीणों ने दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये और सरकारी नौकरी देने की मांग की है.