पुलिस हिरासत में दलित युवक की मौत पर यूपी सरकार को मानवाधिकार आयोग ने भेजा नोटिस

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में पुलिस ने चोरी के मामले में पूछताछ के लिए एक युवक को गिरफ़्तार किया था. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने युवक को छोड़ने के लिए पांच लाख रुपये रिश्वत मांगी थी, जिसे न देने पर उसे बर्बर यातनाएं दी गईं.

(फोटो साभार: ट्विटर/यूपी पुलिस)

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में पुलिस ने चोरी के मामले में पूछताछ के लिए एक युवक को गिरफ़्तार किया था. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने युवक को छोड़ने के लिए पांच लाख रुपये रिश्वत मांगी थी, जिसे न देने पर उसे बर्बर यातनाएं दी गईं.

(फोटो साभार: ट्विटर/यूपी पुलिस)
(फोटो साभार: ट्विटर/यूपी पुलिस)

लखनऊ : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अमरोहा जिले के धनौरा मंडी थाने में हिरासत में एक दलित की मौत के प्रकरण में उत्तर प्रदेश सरकार को शुक्रवार को नोटिस भेजा.

धनौरा मंडी थाने में 26 दिसंबर को पुलिस हिरासत के दौरान 30 वर्षीय दलित युवक की मौत से संबंधित मीडिया खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

साथ ही आयोग ने स्पष्टीकरण मांगा कि पुलिस हिरासत में हुई उक्त मौत के बारे में आयोग को सूचित क्यों नहीं किया गया. पुलिस ने चोरी के एक प्रकरण में दलित युवक को 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया था.

युवक के परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसे छोड़ने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जो वे नहीं दे सके. उसके बाद युवक को बर्बर यातना दी गयी.

आयोग ने कहा कि अगर मीडिया खबरों में आई खबर सही है तो यह पीड़ित के मानवाधिकार का घोर उल्लंघन है.

आयोग ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख होना चाहिए कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति कानून एवं नियमों के तहत मृतक के परिजनों को कोई आर्थिक या अन्य राहत प्रदान की गयी या नहीं.

मृतक के परिजन का आरोप है कि वे लोग एक विवाह में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे, उसी समय पुलिस ने युवक को उठा लिया. उसे बिना किसी शिकायत हवालात में रखा गया और कथित तौर पर यातना दी गयी.

आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि संबंधित थाने के प्रभारी सहित 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.

अमरोहा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि एक इंस्पेक्टर और एक सब इंस्पेक्टर सहित छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हिरासत में हत्या के आरोप में कार्रवाई की गई है.

पुलिस अधीक्षक के मुताबिक इनमें इंस्पेक्टर अरविंद मोहन शर्मा, सब इंस्पेक्टर मनोज उपाध्याय, हेड कांस्टेबल रविन्द्र राणा तथा कांस्टेबल विनीत चौधरी, जितेन्द्र एवं विवेक शामिल हैं.

एसपी ने बताया कि मृतक के रिश्तेदार जय प्रकाश की शिकायत पर छह पुलिसकर्मियों को अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून के तहत आरोपी बनाया गया.

पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार अमरोहा में मंडी धनौरा थाना क्षेत्र के बसी शेरपुर के निवासी बालकिशन को पुलिस ने रविवार को हिरासत में लिया था, जिसका मकसद चोरी की मोटरसाइकिल की खरीद से जुड़े मामले में पूछताछ था.

इसके बाद उसे पुलिस ने हवालात में बंद कर दिया, जहां उसकी मौत हो गयी. मृत व्यक्ति की पत्नी कुंती ने पति की मौत के बाद हर्जाने की मांग की है. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से खुद के लिए नौकरी भी मांगी है.

खबरों के मुताबिक इस घटना के बाद वहां का माहौल तनावपूर्ण हो गया है. मृतक के गांव के लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिनभर प्रदर्शन और ट्रैफिक जाम रखा. प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके बाद मौके पर पीएसी तैनात कर दी गई.