पीडीपी से हाथ मिलाने वाली भाजपा को कन्हैया की आलोचना करने का अधिकार नहीं: शिवसेना

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, 'कन्हैया कुमार अच्छे वक्ता हैं. वह बागी और बेरोजगार युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. भाजपा को कन्हैया कुमार की निंदा करने का क्या नैतिक अधिकार है?'

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Mumbai: Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray addresses a press conference at Shivsena Bhavan, in Mumbai, Tuesday, Dec. 4, 2018. (PTI Photo) (PTI12_4_2018_000180B)
उद्धव ठाकरे के साथ एकनाथ शिंदे. (फाइल फोटो: पीटीआई)

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, ‘कन्हैया कुमार अच्छे वक्ता हैं. वह बागी और बेरोजगार युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. भाजपा को कन्हैया कुमार की निंदा करने का क्या नैतिक अधिकार है?’

Mumbai: Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray addresses a press conference at Shivsena Bhavan, in Mumbai, Tuesday, Dec. 4, 2018. (PTI Photo) (PTI12_4_2018_000180B)
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे. (फोटो: पीटीआई)

मुंबई: शिवसेना ने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी से हाथ मिलाने के बाद भाजपा को छात्र नेता कन्हैया कुमार की आलोचना करने का नैतिक अधिकार नहीं है. शिवसेना ने सत्तारूढ़ भाजपा को नसीहत देते हुए कहा कि उसे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ राजद्रोह मामले का राजनीतिक लाभ नहीं उठाना चाहिए.

पार्टी ने कहा कि भाजपा ने पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती से हाथ मिलाकर पाप किया. उन्होंने कहा कि महबूबा मुफ्ती संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को शहीद मानती हैं. बता दें कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में पीडीपी सरकार का हिस्सा थी लेकिन उसने पिछले साल स्वयं को गठबंधन से अलग कर लिया.

दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार एवं अन्य के खिलाफ अदालत में सोमवार को आरोप पत्र दायर किया था और कहा था कि फरवरी 2016 में जेएनयू परिसर में वह एक रैली का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने राजद्रोह के नारों का समर्थन किया था.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, ‘भाजपा ने अफजल गुरू को स्वतंत्रता सेनानी और शहीद मानने वालीं महबूबा मुफ्ती से हाथ मिलाकर सबसे बड़ा पाप किया. अब भाजपा को अपने फायदे के लिए कन्हैया के खिलाफ दर्ज राजद्रोह मामले से राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहिए और न ही ऐसी कोशिश करनी चाहिए.’

पार्टी ने कहा कि 2008 में हुए मुंबई आतंकवादी हमलों के दोषी अजमल कसाब जैसे आतंकवादी को भी अदालत ने अपना बचाव करने का अवसर दिया. कुमार को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि कन्हैया के खिलाफ लगे आरोप सही नहीं हैं, तो वे अदालत में टिक नहीं पाएंगे.

पार्टी ने कहा, ‘कन्हैया कुमार अच्छे वक्ता हैं. वह बागी और बेरोजगार युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. तब भी वह अफजल गुरू की प्रशंसा करते हुए या कश्मीर की आजादी के नारे नहीं लगा सकते. वैसे भी, भाजपा को कन्हैया कुमार की निंदा करने का क्या नैतिक अधिकार है?’

शिवसेना ने तंज कसते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र भाजपा के मंत्री गिरीश महाजन ने हाल में दावा किया कि उन्हें जहां भी भेजा जाएगा, वह अपना जादू दिखाएंगे और चुनाव में अपनी पार्टी की जीत सुनिश्चित करेंगे. हम भाजपा से अनुरोध करते हैं कि वह जेएनयू में राष्ट्र विरोधियों को हराने के लिए उन्हें वहां भेजे, लेकिन उन्हें बता दे कि जेएनयू में चुनाव ईवीएम के माध्यम से नहीं होते हैं.’