शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि ऐसे वक़्त जब भाजपा के शासन में देश में लोकतंत्र को ख़तरा है, मैंने भाजपा के ख़िलाफ़ लड़ने और भाजपा विरोधी ताकतों का हाथ मज़बूत करने के लिए राकांपा में शामिल होने का फैसला किया है.
अहमदाबाद: गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला मंगलवार को शरद पवार की मौजूदगी में उनकी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में शामिल हो गए. उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है.
पवार ने कहा कि राकांपा गुजरात में और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की प्रगति के लिए वाघेला के राजनीतिक अनुभवों का इस्तेमाल करेगी.
पवार की पार्टी में शामिल होने के बाद वाघेला ने कहा, ‘ऐसे वक्त जब भाजपा के शासन में देश में लोकतंत्र को ख़तरा है, मैंने भाजपा के ख़िलाफ़ लड़ने और भाजपा विरोधी ताकतों का हाथ मज़बूत करने के लिए राकांपा में शामिल होने का फैसला किया है.’
यह पूछने पर कि क्या वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, तो वाघेला ने कहा कि इसका फैसला पार्टी को करना है.
इस अवसर पर पवार ने कहा, ‘मैंने वाघेला को गुजरात के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर राकांपा की प्रगति के लिए अपना योगदान देने को कहा है. वह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव होंगे. गुजरात में हम भाजपा विरोधी ताकतों को मज़बूत करना चाहते हैं और वाघेला को लाकर हमने ऐसी कोशिश की है.’
राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि राकांपा में उनके शामिल होने से गुजरात में लोकसभा की कुछ सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है.
गुजरात में लोकसभा की सभी 26 सीटों पर फिलहाल भाजपा का क़ब्ज़ा है. 78 वर्षीय क्षत्रिय नेता ने 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस छोड़ दी थी. इससे पहले उन्होंने और उनके समर्थक कुछ विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल के ख़िलाफ़ वोट दिया था और भाजपा समर्थित उम्मीदवार बलवंत सिंह राजपूत का समर्थन किया था.
हालांकि, वाघेला सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल नहीं हुए और दिसंबर 2017 के राज्य विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों को उतारा था लेकिन उनके सारे उम्मीदवार हार गए.
हाल में उन्होंने दिल्ली सहित कई स्थानों का दौरा किया और कहा कि वह केंद्र में भाजपा नीत सरकार को हराने के लिए काम करेंगे. वाघेला 1996 में कांग्रेस के समर्थन से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे.