पुलवामा ज़िले के सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के ख़िलाफ़ जम्मू में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन और हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं थीं, जिसके चलते शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था.
जम्मू/श्रीनगर: जम्मू में रविवार को बिना किसी ढील के लगातार तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी रहा. वहीं, सेना ने संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्ग किया. अधिकारियों ने बताया कि वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने शहर में सामान्य हालात की बहाली के लिए प्रतिष्ठित लोगों के साथ लंबी बैठक की.
कर्फ्यू वाले इलाकों में सेना की टुकड़ियों ने फ्लैग मार्च किया. कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कई लोगों को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया है.
बीते 14 फरवरी को पुलवामा ज़िले के अवंतिपुरा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के खिलाफ जम्मू में शुक्रवार को पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन और हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं थीं जिसके चलते शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था.
आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे.
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक एमके सिन्हा ने कहा, ‘शहर में कर्फ्यू जारी है और रात या आज सुबह किसी अप्रिय घटना की ख़बर नहीं है.’ उन्होंने कहा कि शनिवार को कुछ स्थानों पर हल्के पथराव की घटनाओं की ख़बरें मिलीं, लेकिन कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है.
सिन्हा ने कहा, ‘स्थिति पर नज़र रखी जा रही है और स्थिति की नए सिरे से समीक्षा करने के बाद दिन में कर्फ्यू में ढील पर फैसला किया जाएगा.’
उनके साथ जम्मू के मंडलायुक्त संजीव कुमार वर्मा और जम्मू के ज़िला विकास आयुक्त रमेश कुमार ने शनिवार शाम विभिन्न धर्मों के प्रतिष्ठित नागरिकों के साथ लंबी बैठक की.
अधिकारियों ने उनसे शहर में सामान्य हालात बहाल करने में भूमिका निभाने की अपील की. साथ में यह भी अनुरोध किया कि वे सांप्रदायिक आधार पर लोगों को विभाजित करने वाले तत्वों के नापाक मंसूबे नाकाम करें.
पुलिस महानिरीक्षक ने बैठक में कहा, ‘राष्ट्र विरोधी तत्वों का लोगों को विभाजित करने का मंसूबा है. वे आतंकी घटना को सांप्रदायिक घटना में बदलना चाहते हैं. हमें एकजुट खड़े रहने की ज़रूरत है और उनके दुष्प्रचार का शिकार नहीं बनना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले को गहराई से देखने की ज़रूरत है. सिन्हा ने कहा कि देश विरोधी तत्व हमारे जवानों पर हमले के ज़रिये हमारे समाज को बांटना चाहते हैं.
उन्होंने बैठक में आए लोगों से कहा कि वे हिंसा से दूर रहने के लिए युवाओं का मार्गदर्शन करें और उन लोगों को पकड़ने के लिए प्रशासन की मदद करें जो क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल को ख़राब करने की कोशिश कर रहे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि सेना की टाइगर डिवीज़न की 18 टुकड़ियों को व्हाइट नाइट कोर से हवाई सहयोग के साथ तैनात किया गया है. ये टुकड़ियां गुज्जर नगर, जानीपुर, शहीदी चौक, तालाब खटिका, सिधरा और अन्य संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं.
शुक्रवार को नौ टुकड़ियां तैनात की गई थीं. स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन की मांग के बाद शनिवार को नौ और टुकड़ियों को तैनात किया गया.
एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ‘स्थिति पर निगरानी रखने के लिए हेलीकॉप्टरों और यूएवी को भी अभियान में शामिल किया गया है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस, प्रशासन और भारतीय सेना ने संयुक्त रूप से अग्र-सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया.’
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को शहर के जानीपुर और न्यू प्लॉट सहित कुछ इलाकों में कर्फ्यू की अवहेलना करने का प्रयास करने के कारण दर्जनों लोगों को एहतियाती तौर पर हिरासत में ले लिया गया.
उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और स्थिति को नियंत्रण में कर लिया.’
शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए शनिवार रात जम्मू क्षेत्र के लगभग सभी ज़िला मुख्यालयों से शांतिपूर्ण कैंडल मार्च की ख़बरें आईं.
कश्मीर में व्यापारी संगठनों ने रखा बंद, जनजीवन प्रभावित
पुलवामा हमले के बाद जम्मू और राज्य से बाहर कश्मीरियों के कथित उत्पीड़न और हमलों के विरोध में व्यापारिक संगठनों के बंद के चलते रविवार को कश्मीर में जनजीवन प्रभावित हुआ.
कश्मीर बंद को कश्मीर इकोनॉमिक अलायंस और कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैनुफैक्चरर्स फेडेरेशन के अलावा ट्रांसपोर्टरों की एसोसिएशनों जैसे व्यापारिक संगठनों का समर्थन हासिल है.
अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर में दुकानें, ईंधन स्टेशन और अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे. उन्होंने कहा कि इस दौरान सार्वजनिक परिवहन बंद रहा और कैब तथा ऑटो-रिक्शा भी बड़े पैमाने पर सड़कों से नदारद रहे.
हालांकि, ज़्यादातर इलाकों में निजी कारें चलती दिखाई दीं.
अधिकारियों ने कहा कि बंद का साप्ताहिक बाज़ार पर भी असर दिखाई दिया और किसी भी विक्रेता ने टीआरसी चौक बटमालू में दुकान नहीं लगाई.
उन्होंने कहा कि घाटी के अन्य ज़िला मुख्यालयों से भी बंद की ख़बरें मिली हैं.
कई व्यापारिक संगठनों ने जम्मू और राज्य से बाहर कश्मीरियों पर हमले के विरोध में शनिवार को बंद का आह्वान किया था.
कथित उत्पीड़न और हमलों के विरोध में शनिवार दोपहर 3 बजे के बाद लाल चौक सिटी सेंटर और आसपास के इलाकों में बंद का असर दिखा. व्यापारियों ने हमलों की निंदा करने के लिए मार्च भी निकाला.
उन्होंने कश्मीरी कारोबारियों और छात्रों की सुरक्षा की मांग की. उन्होंने जम्मू में कश्मीरियों पर हमलों को तुरंत नहीं रोके जाने पर जम्मू के व्यापारियों के साथ कारोबार बंद करने की भी धमकी दी.
कई कर्मचारी संघों ने शनिवार को प्रेस कॉलोनी में भी प्रदर्शन किया.