दूरसंचार कंपनी वोडाफोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक रीड ने लगाया आरोप.
बार्सिलोना: ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) निक रीड ने आरोप लगाया है कि भारत में पिछले दो साल में दूरसंचार नियमन से जुड़े जो भी नियम बने हैं वह रिलायंस जियो को छोड़कर बाकी सभी कंपनियों के ख़िलाफ़ हैं.
वोडाफोन, भारत में आदित्य बिड़ला समूह (आइडिया) के साथ मिलकर वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के रूप में परिचालन कर रही है.
रीड ने कहा कि भारत में उसका कारोबार बेहद बुरे दौर से गुज़रा है, लेकिन अब कंपनी की स्थिति ठीक है और वह नेटवर्क पर निवेश करने की योजना लेकर चल रही है. साथ ही कंपनी अपनी परिसंपत्तियों को बेच भी सकती है.
मालूम हो कि बीते 25 फरवरी को स्पेन के शहर बार्सिलोना में मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (एमडब्ल्यूसी) की शुरुआत हुई है. दुनिया भर की दूरसंचार कंपनियां 5जी कनेक्टिविटी और बेहतर कैमरे वाले फोन की लॉन्चिंग के लिए इसमें शिरकत कर रही हैं.
भारत में दूरसंचार नियमन और नीति पर एक सवाल के जवाब में रीड ने बार्सिलोना में संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा मानना है कि नियमों के संदर्भ में हमने समान स्तर की बात की है. पिछले दो साल में कई ऐसे नियम बने हैं जो रिलायंस जियो को छोड़कर बाज़ार में बाकी सबके ख़िलाफ़ हैं. हमने यह बात स्पष्ट तौर पर रखी है.’
उन्होंने कहा कि भारत में अभी मोबाइल सेवाओं की दरें सबसे निचले स्तर पर हैं और यह ज़्यादा दिन चलने वाली स्थिति नहीं है.
रीड ने कहा, ‘बाजार की तीनों प्रमुख कंपनियां नकदी की कमी से जूझ रही हैं. अभी दुनियाभर में भारत में कीमतें सबसे कम हैं. यहां ग्राहक औसतन 12 जीबी इंटरनेट का उपयोग उस कीमत पर कर रहे हैं जो कहीं भी दिखाई नहीं देती है. अंत में कीमतें चढ़ेंगी, हालांकि यह बहुत ज़्यादा नहीं बढ़ेंगी लेकिन इनमें थोड़ा सुधार होगा.’
दिसंबर 2018 के अंत तक वोडाफोन आइडिया पर कुल ऋण 1,23,660 करोड़ रुपये था.
दुनियाभर में 5जी सेवाओं को लेकर हुआवेई से जुड़ी सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर रीड ने कहा, ‘यह दूरसंचार उद्योग के लिए अच्छा नहीं है.’
रीड ने कहा कि हुआवेई समेत दुनियाभर में दूरसंचार नेटवर्क उपकरण उपलब्ध कराने वाली तीन ही प्रमुख कंपनियां हैं और यदि हम चीन की हुआवेई को प्रतिबंधित करने पर विचार कर रहे हैं तो यह दूरसंचार उद्योग के लिए अच्छा नहीं होगा.
अभी दुनियाभर में दूरसंचार नेटवर्क उपकरण कराने वाली कंपनियों में हुआवेई के अलावा नोकिया और एरिक्सन ही हैं.
रीड ने कहा, ‘यह वोडाफोन का मसला नहीं है, यह पूरे दूरसंचार उद्योग का मसला है. दूरसंचार नेटवर्क उपकरण उपलब्ध कराने के मामले में हुआवेई एक अहम किरदार अदा करती है. यदि इसे हमारे नज़रिये से देखें तो हमारे नेटवर्क में लचीलापन और सुरक्षा है. यदि हम इसे (उपकरण उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को) दो कंपनियों तक सीमित करते हैं तो यह बेहतर नहीं होगा.’
भारत में वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने हुआवेई के साथ 5जी परीक्षण करने के लिए साझेदारी की है.
दरअसल चीनी कंपनी हुआवेई पर कुछ देशों में चीन के लिए जासूसी करने का आरोप लगा है. कई देशों ने इस कंपनी के 5जी दूरसंचार उपकरणों का बहिष्कार भी किया गया है. हालांकि कंपनी ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है.