बीजद के पूर्व सांसद बैजयंत पांडा भाजपा में शामिल

बीजद ने बैजयंत पांडा को पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर निलंबित कर दिया था. इसके बाद उन्होंने पार्टी और लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था.

बैजयंत पांडा. (फोटो: द वायर)

बीजद ने बैजयंत पांडा को पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर निलंबित कर दिया था. इसके बाद उन्होंने पार्टी और लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था.

बैजयंत पांडा. (फोटो: द वायर)
बैजयंत पांडा. (फोटो: द वायर)

नई दिल्ली: बीजू जनता दल (बीजद) के पूर्व सांसद बैजयंत पांडा सोमवार को भाजपा में शामिल हो गए. पांडा के भाजपा में शामिल होने से लोकसभा चुनाव से पहले ओडिशा में पार्टी को मज़बूती मिलने की उम्मीद है.

ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ राज्य विधानसभा का चुनाव होने की संभावना है और भाजपा को उम्मीद है कि पांडा की मौजूदगी से ओडिशा के तटीय इलाके में उसकी स्थिति मज़बूत होगी.

पांडा ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की और राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी मुख्यालय में भाजपा में शामिल हुए. इस दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी मौजूद थे.

बैजयंत पांडा ने ट्वीट में कहा, ‘नौ महीने का आत्मचिंतन और सहयोगियों एवं लोगों से व्यापक विचार विमर्श. सभी ओर से प्राप्त समर्थन के लिए आभारी हूं.’

उन्होंने कहा, ‘महाशिवरात्रि के पवित्र अवसर पर मैंने भाजपा में शामिल होने तथा नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के अनुरूप ओडिशा और भारत सेवा करने का निर्णय किया.’

पांडा ओडिशा में प्रभावशाली मीडिया समूह का स्वामित्व करते हैं और वे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के पार्टी बीजू जनता दल के वरिष्ठ सांसद रह चुके हैं. कुछ समय पहले ही मतभेदों के कारण वे बीजद से अलग हो गए थे.

बीजद ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आधार पर पार्टी से निलंबित कर दिया था. इसके बाद उन्होंने पार्टी और लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था. उन्होंने ओडिशा के केंद्रपाड़ा सीट का दो बार प्रतिनिधित्व किया था. उन्होंने राज्यसभा में राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया था.

बीजद ने उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और धन शोधन गतिविधियों में शामिल होने का भी आरोप लगाया था. पांडा ने इन आरोपों से इंकार किया था.

ओडिशा में 21 संसदीय सीटें हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजद ने 20 सीटों पर जीत दर्ज की थी. भाजपा केवल एक सीट सुंदरगढ़ जीतने में सफल रही थी. इस सीट का प्रतिनिधित्व आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम करते हैं.

भाजपा ने चुनाव से पहले ओडिशा की पहचान प्राथमिकता वाले राज्यों के रूप में की है.