मामला सामने आने के बाद तेदेपा, टीआरएस और वाईआरएस कांग्रेस के नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव इस साज़िश को अंजाम देकर जगन मोहन रेड्डी की मदद कर रहे हैं.
हैदराबाद/अमरावती: मोबाइल ऐप के ज़रिये आंध्र प्रदेश में मतदाताओं के डाटा की चोरी की आरोपी शहर की एक आईटी कंपनी आईटी ग्रिड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आधार और सरकारी योजनाओं समेत अन्य चीज़ों से संबंधित लोगों की निजी और संवेदनशील सूचनाओं तक ‘अवैध’ पहुंच हासिल की.
तेलंगाना की साइबराबाद पुलिस आयुक्त वीसी सज्जनार ने बीते सोमवार को यह बात कही.
प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों का उल्लेख करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सूचना का अवैध उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग किया जा सकता है और पुलिस ने अमेज़ॉन वेब सर्विसेस को नोटिस जारी कर डाटा मांगा है. उसी के पास कथित तौर पर आईटी ग्रिड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का डाटा भंडारित है.
मालूम हो कि अमेज़ॉन वेब सर्विसेस अमेरिकी कंपनी अमेज़ॉन से जुड़ी कंपनी है.
पुलिस आयुक्त ने हैदराबाद में संवाददाताओं से कहा कि पुलिस भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई), चुनाव आयोग, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़ और आंध्र प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर उनसे ब्योरा मांगेगी.
पुलिस ने बताया कि इसी से जुड़ी एक घटना में आईटी ग्रिड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक और अन्य के ख़िलाफ़ एक और मामला दर्ज किया गया है और जांच चल रही है.
पुलिस को संदेह है कि आईटी ग्रिड्स ने या तो डाटा चोरी की है या फिर उसे विशाखापट्नम की एक आईटी कंपनी ने ये डाटा उपलब्ध कराएं हैं, जो आंध्र प्रदेश सरकार के लिए काम करती है.
साइबराबाद पुलिस ने बीते दो मार्च को कहा था कि कंपनी के ख़िलाफ़ एक मामला दर्ज किया गया है और एक डाटा विश्लेषक की शिकायत के आधार पर हैदराबाद स्थित कंपनी के कार्यालय की तलाशी ली गई.
पुलिस के अनुसार, डाटा विश्लेषक ने तेलुगू देशम पार्टी द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे ‘सेवा मित्र’ मोबाइल ऐप के ज़रिये आंध्र प्रदेश के मतदाताओं का डाटा चोरी किए जाने का आरोप लगाया है. इस ऐप का इस्तेमाल तेदेपा के पंजीकृत कार्यकर्ता कर रहे थे.
शिकायकर्ता ने दावा किया था कि तेदेपा के आधिकारिक फेसबुक पेज को ब्राउज करने के दौरान उन्होंने पाया था कि तेदेपा कार्यकर्ता कुछ मोबाइल फोन और टैब आधारित सॉफ्टवेयर ऐप्लीकेशन विशेष तौर पर ‘सेवा मित्र’ ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि पार्टी की चुनावी संभावनाएं बढ़ाई जा सकें.
आंध्र प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एन. लोकेश ने कंपनी की तलाशी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक ट्वीट में आरोप लगाया कि तेलंगाना पुलिस आईटी कंपनी को प्रताड़ित कर रही है, जिसकी सेवाएं, सूचनाएं जुटाने के लिए ली गई हैं. उसके समूचे अधिकार तेदेपा के पास हैं.
पुलिस के अनुसार, जांच में खुलासा हुआ है कि कंपनी ने आधार, मतदाता सूची, सरकारी योजनाओं और विभिन्न राजनीतिक दलों के मतदाताओं की निजी सूचना और संवेदनशील डाटा को हासिल किया, जिसका मतदाताओं के कथित तौर पर नाम हटाने जैसे अवैध उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग किया जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘यह भरोसेमंद सूचना मिली है कि आंध्र प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर मतदाताओं के नाम हटाने को लेकर तकरीबन 45-50 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.’
उन्होंने कहा कि पुलिस आंध्र प्रदेश सरकार से आईटी कंपनी के साथ एमओयू और डाटा के संरक्षक समेत विभिन्न पहलुओं पर सूचना मांगेगी.
यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस आंध्र प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एन. लोकेश से पूछताछ करेगी, तो पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस ऐसे किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ेगी जो इस कृत्य के लिए ज़िम्मेदार है. आगे की जांच के आधार पर जो भी होगा, उसे बुलाया जाएगा. इसमें जो भी शामिल होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा. क़ानून अपना काम करेगा.
पुलिस आयुक्त ने कहा कि आपराधिक साज़िश, धोखाधड़ी, चोरी और अन्य आरोपों के लिए कंपनी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस ने चार कर्मचारियों की उपस्थिति में शनिवार और रविवार को कंपनी के कार्यालय में तलाशी ली. पुलिस आयुक्त ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सीपीयू और हार्ड डिस्क जब्त किए गए हैं.
पुलिस आयुक्त ने कहा कि हमने मोबाइल फोन और लिखित दस्तावेज़ ज़ब्त किए हैं. डाटाबेस अमेज़ॉन वेब सर्विसेस के पास भंडारित है. जांच के तहत हमने ऐप से संबंधित डाटाबेस को पेश करने के लिए अमेज़ॉन वेब सर्विसेस को नोटिस जारी किया है.
उन्होंने कहा कि अभियोग चलाने योग्य ज़ब्त की गईं सामग्री विस्तृत विश्लेषण के लिए फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजी जा रही हैं और कानून के अनुसार गिरफ्तारियां की जाएंगी.’
पुलिस आयुक्त ने कहा कि ‘सेवा मित्र’ ऐप के ज़रिये क्षेत्रवार डाटा एकत्र किया गया है और मतदाताओं की राजनीतिक दलों से संबद्धता के बारे में आंकड़े जुटाए गए हैं.
इसी से जुड़ी एक अन्य घटना में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने आईटी कंपनी के मालिक द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर मामला ख़त्म कर दिया जब आईटी कंपनी के चार कर्मचारियों को सोमवार को पुलिस ने अदालत में पेश किया.
कंपनी के मालिक ने आरोप लगाया था कि उसके चार कर्मचारियों को अवैध हिरासत में रखा गया है.
डाटा चोरी के आरोपों को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
आईटी कंपनी द्वारा आंध्र प्रदेश के मतदाताओं की कथित तौर पर डाटा चोरी करने को लेकर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है. आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने बीते चार मार्च को साइबर साज़िश का आरोप लगाया और तेलंगाना पुलिस द्वारा दर्ज मामले को राज्य पुलिस को सौंपने की मांग की.
तेलंगाना पुलिस ने प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुए दावा किया कि आईटी कंपनी ने अवैध तरीके से मतदाताओं का ब्योरा हासिल किया.
तेदेपा प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि यह जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस की मदद करने की साज़िश का हिस्सा है.
नायडू ने तेदेपा के नेताओं को टेलीकॉन्फ्रेंस के ज़रिये संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केसीआर (तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव) इस साइबर साजिश को अंजाम देकर जगन मोहन रेड्डी की मदद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमारा डाटा चुराकर और हमारे प्रतिद्वंद्वियों को सौंपना अत्याचार है.’
नायडू ने कहा, ‘प्रशांत किशोर (राजनीतिक रणनीतिकार और जदयू नेता) के नेतृत्व वाले वाईएसआर कांग्रेस को इस तरह की सलाह दे रहे है.’
मालूम हो कि प्रशांत किशोर की संस्था इंडियन पॉलिटिकल ऐक्शन कमेटी (आई-पैक) आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईआरएस कांग्रेस की सलाहकार है.
तेदेपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सोमीरेड्डी चंद्रमोहन रेड्डी और महासचिव वरला रमैया ने साइबराबाद पुलिस द्वारा दर्ज मामला सीआरपीसी के अनुसार आंध्र प्रदेश को स्थानांतरित करने की मांग की क्योंकि कथित चोरी आंध्र प्रदेश में हुई है.
वाईएसआर कांग्रेस ने हालांकि इस बात पर सवाल उठाया कि कैसे राज्य सरकार से संबंधित गोपनीय डाटा निजी हाथों में गए.
वाईएसआर कांग्रेस नेता और लोक लेखा समिति के अध्यक्ष बुग्गाना राजेंद्रनाथ रेड्डी ने कहा, ‘चंद्रबाबू जांच से इतने डरे हुए क्यों हैं. डाटा चोरी उस योजना का हिस्सा है ताकि जो लोग सरकार के खिलाफ हैं उनके नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकें.’
मामले के शिकायकर्ता ने दावा किया था कि तेदेपा के आधिकारिक फेसबुक पेज को ब्राउज़ करने के दौरान उन्होंने पाया था कि तेदेपा कार्यकर्ता कुछ मोबाइल फोन और टैब आधारित सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशन विशेष तौर पर ‘सेवा मित्र’ ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि पार्टी की चुनावी संभावनाएं बढ़ाई जा सकें.
इसको लेकर आंध्र प्रदेश के मंत्रियों ओर तेदेपा के विधायकों ने विरोध जताया. आंध्र प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एन. लोकेश ने कंपनी की तलाशी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक ट्वीट में आरोप लगाया कि तेलंगाना पुलिस आईटी कंपनी को प्रताड़ित कर रही है, जिसकी सेवाएं सूचनाएं जुटाने के लिए ली गई हैं. उसके समूचे अधिकार तेदेपा के पास हैं.
पलटवार करते हुए टीआरएस के कार्यवाहक अध्यक्ष केटी रामाराव ने सोमवार को कहा कि अगर तेदेपा ने कुछ भी गलत नहीं किया है तो वह जांच से डरी हुई क्यों है.
उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार की आलोचना को लेकर नायडू को शर्मिंदा होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘चंद्रबाबू नायडू जी अगर आपने चोरी नहीं की है तो आप डरे क्यों हैं.’
उन्होंने कहा, ‘अगर तेदेपा ने गलत किया है. आंध्र प्रदेश सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह निजी डाटा को गोपनीय रखे. वह एक पार्टी को डाटा देती है, इसे कैसे देखा जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘जो किया गया वह ग़लत है. उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, वे तेलंगाना सरकार की आलोचना कर रहे हैं. चंद्रबाबू नायडू और उनकी सरकार को शर्मिंदा होना चाहिए.’
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के पुत्र केटी रामाराव ने यह भी आरोप लगाया कि तेदेपा ने एक ‘पेड अभियान’ के ज़रिये सोशल मीडिया पर तेलंगाना सरकार को बदनाम करने की कोशिश की.