पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा कि जिस तरह से राजनीतिक दल आपस में लड़ रहे हैं, ऐसी स्थिति में निर्वाचन आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती चुनाव आचार संहिता लागू करने की होगी.
हैदराबाद: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) टीएस कृष्णमूर्ति ने शुक्रवार को चेतावनी देते हुए कहा कि जिस तरह से राजनीतिक दल आपस में लड़ रहे हैं, ऐसा लगता है कि आगामी लोकसभा चुनावों में कहीं अधिक ‘धनबल के इस्तेमाल, हिंसा और नफरत’ का बोलबाला होगा.
उल्लेखनीय है कि 2004 का लोकसभा चुनाव कृष्णमूर्ति की निगरानी में हुई थी.
उन्होंने चुनाव की तारीख अब तक घोषित नहीं करने के मुद्दे पर विपक्षी दलों के कुछ नेताओं द्वारा निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाये जाने के दावों को खारिज कर दिया.
आगामी आम चुनावों के बारे में पूछे जाने पर कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘मुझे लगता है कि और भी धनबल का इस्तेमाल होगा, अधिक हिंसा होगी और नफरत का बोलबाला रहेगा.’
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘जिस तरह से राजनीतिक दल आपस में लड़ रहे हैं, ऐसा लगता है कि हर तरह की संभावित जटिलताएं पैदा होंगी.’
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में निर्वाचन आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती चुनाव आचार संहिता को लागू करने की होगी. कृष्णमूर्ति ने हालांकि विश्वास जताया कि निर्वाचन आयोग चुनौतियों से निपटने में सक्षम है.
आम चुनावों की तारीख की घोषणा में देरी को लेकर विपक्ष के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘एक निश्चित तारीख तक सदन का गठन होना है. जहां तक लोकसभा के गठन से संबंधित चुनाव कार्यक्रम का संबंध है तो इसे हमें निर्वाचन आयोग के विवेक पर छोड़ देना चाहिए क्योंकि उन्हें विभिन्न राज्यों में हालात पर विचार करना होता है.’
कृष्णमूर्ति ने कहा कि संस्थानों को कामकाज करने की अनुमति होनी चाहिए और जब तक वे अपना काम करते हैं तब तक सवाल पूछने का कोई औचित्य नहीं है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने बीते सोमवार को आम चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं करने को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाया था और पूछा था कि क्या आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक यात्रा कार्यक्रम के खत्म होने का इंतजार कर रहा है.