सूरत में कई इलाकों में सरकार से नाराज़गी जताते हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने और मौजूदा सांसद के ख़िलाफ़ बैनर लगे दिख रहे हैं.
सूरत: लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात के सूरत में सरकार से नाराजगी जताते हुए कई इलाकों में चुनाव का बहिष्कार करने से जुड़े बैनर लगे नज़र आ रहे हैं.
बताया जा रहा है कि बीते 25 वर्षों से रह रहे लगभग दस हजार उत्तर भारतीय परिवारों ने न सिर्फ लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है बल्कि भाजपा के मौजूदा सांसद सीआर पाटिल के प्रति विरोध भी जाहिर किया है.
शहर में बड़ी तादाद में ऐसे पोस्टर लगे हैं, जिन पर लिखा है, मोदी से बैर नहीं… सीआर तेरी खैर नहीं. ये बैनर साचिन, गभेणी, वरोद, पंदेसरा, परवत पाटिया, काटोदरा में लोगों के घरों के सामने, स्थानीय बाजारों और कॉम्प्लेक्स में लगे देखे जा सकते हैं.
मालूम हो कि उत्तर भारत के राज्यों के करीब 15 लाख से अधिक लोग सूरत में रह रहे हैं. इनमें से अधिकतर शहर के कपड़ा कारखानों में काम करते हैं.
विरोध कर रहे लोगों के अनुसार, जिन क्षेत्रों में उत्तर भारतीय बड़ी तादाद में रहते हैं, उन्हें सरकारी मशीनरी द्वारा नज़रअंदाज किया जाता रहा है. यहां तक कि बार-बार आग्रह करने के बावजूद उनकी समस्याओं का हल नहीं होता. इसीलिए इस तरह चुनाव बहिष्कार की बात शुरू की गयी है.
सूरत के उधना इलाके की लगभग 18 सोसाइटी ने तक़रीबन ऐसे सौ बैनर लगे हैं, जिनमें क्षेत्र में किसी भी नेता के नहीं प्रवेश करने की बात कही गई है. पूणागांव इलाके में लोगों ने भाजपा के किसी भी उम्मीदवार के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के बैनर लगाए हुए हैं.
उत्तर भारतीय समुदाय को इकठ्ठा करने वाले बुंदेलखंड एकता मंच के अध्यक्ष अजय सिंह ने द वायर को बताया, ‘बीते 10 सालों में हमने न सिर्फ जन प्रतिनिधियों से मुलाकात की बल्कि कई सरकारी विभागों और अधिकारियों से भी मिलकर यहां रह रहे उत्तर भारतीय समुदाय की दशा से अवगत कराया, लेकिन एक भी अधिकारी या निर्वाचित प्रतिनिधि ने यहां दशकों से रह रहे लोगों की जायज़ मांगों को सुलझाने की कोशिश भी नहीं की.’
सिंह ने यह भी बताया, ‘हम कई बार मौजूदा सांसद सीआर पाटिल और विधायक झंखना पटेल के पास गए और जिन हालात में हम रहने को मजबूर हैं, उनके बारे में बताया , लेकिन हमारी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. हम पिछले 25 सालों से टैक्स दे रहे हैं, लेकिन हमें बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं.’
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पाटिल ने कहा, ‘कुछ लोग मेरे खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैंने जमीनी स्तर पर काम किया है. ये विपक्ष के लोग हैं. मैं अपना प्रचार जारी रखूंगा क्योंकि यह लोकतंत्र है और मुझे ऐसा करने इजाज़त है.’
(लेखक न्यूज़ ब्लॉग INDvestigations के संपादकीय निदेशक हैं.)
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