सैम पित्रोदा ने कहा कि हमनें नई नौकरियों का सृजन नहीं किया है बल्कि पहले से मौजूद रोजगारों को ही खत्म कर दिया है इसलिए आज एक प्रमुख चुनौती यह है कि नई नौकरियों का सृजन कैसे किया जाए.
नई दिल्लीः कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति के सदस्य सैम पित्रोदा का कहना है कि देश बड़े रोजगार संकट से गुजर रहा है और रोजगार कांग्रेस के प्रचार अभियान का केंद्र बिंदु होगा.
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए साक्षात्कार में पित्रोदा ने कहा, ‘कृषि संकट भी देश के सामने एक प्रमुख मुद्दा है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है.’
गांधी परिवार के लंबे समय तक सलाहकार रहे और विदेश में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पित्रोदा ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा का इन लोकसभा चुनाव में बड़ा असर होगा.
यह पूछे जाने पर कि प्रचार अभियान के दौरान कांग्रेस किन महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी? इस पर पित्रोदा ने कहा कि रोजगार, रोजगार, रोजगार.
उन्होंने कहा, ‘देश एक बड़े रोजगार संकट से गुजर रहा है. हमनें नई नौकरियों का सृजन नहीं किया है बल्कि पहले से मौजूद रोजगारों को ही खत्म कर दिया है. इसलिए आज एक प्रमुख चुनौती यह है कि नई नौकरियों का सृजन कैसे किया जाए.’
उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे कारकों से रोजगार पर असर पड़ा है. पित्रोदा ने विश्वास जताया कि कांग्रेस विभिन्न राज्यों में गठबंधन की प्रक्रिया पूरा करेगी.
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेल खा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि वह इस मुकाबले को दो व्यक्तियों के बीच चुनौती के रूप में नहीं देखते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह भारत के विचारों के बीच एक चुनौती है. यह इस बारे में है कि आप किस तरह देश को आगे बढ़ाना चाहते हैं.’
पित्रोदा ने कहा कि यह विचारधाराओं की, नफरत और प्रेम की राजनीति के बीच की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि कृषि संकट भी एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है.
यह पूछे जाने कि क्या बालाकोट हवाई हमले के बाद रोजगार और कथित कृषि संकट जैसे वास्तविक मुद्दों पर पार्टी फिर से ध्यान केंद्रित कर पाएगी? इस पर उन्होंने कहा कि पार्टी लोगों के बीच जमीन पर महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाएगी.
राजीव गांधी के कार्यकाल में दूरसंचार क्रांति के प्रमुख शिल्पी माने जाने वाले पित्रोदा ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को हाशिए पर डाल दिया गया है.