नीरव मोदी मामले की जांच कर रहे ईडी अधिकारी का तबादला, कुछ घंटों में फैसला बदला

सूत्रों का कहना है कि नीरव मोदी मामले पर प्रधानमंत्री कार्यालय विशेष नज़र बनाए हुए है और ईडी के संयुक्त निदेशक सत्यव्रत कुमार इस मामले में गंभीर राजनीतिक प्रयासों को रोकने की कोशिश कर रहे थे.

(फोटो साभार: फेसबुक/नीरव मोदी)

सूत्रों का कहना है कि नीरव मोदी मामले पर प्रधानमंत्री कार्यालय विशेष नज़र बनाए हुए है और ईडी के संयुक्त निदेशक सत्यव्रत कुमार इस मामले में गंभीर राजनीतिक प्रयासों को रोकने की कोशिश कर रहे थे.

(फोटो साभार: फेसबुक/नीरव मोदी)
(फोटो साभार: फेसबुक/नीरव मोदी)

नई दिल्लीः नरेंद्र मोदी सरकार ने नीरव मोदी मामले के जांच प्रभारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी का शुक्रवार को तबादला कर दिया. लेकिन कुछ ही घंटों में इस आदेश को वापस ले लिया गया.

ईडी मुंबई ने नीरव मोदी जांच मामले के मुख्य जांच अधिकारी ईडी के संयुक्त निदेशक सत्यव्रत कुमार के तबादले के आदेश जारी किए थे.

द वायर के पास इन दोनों आदेश की प्रति है.

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ईडी के संयुक्त निदेशक सत्यव्रत कुमार के तबादले का मूल आदेश

सत्यव्रत कुमार कोयला घोटाले मामले में भी जांच अधिकारी हैं, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है.

सत्यव्रत कुमार ने लंदन से द वायर को बताया कि वह ईडी टीम का हिस्सा थे लेकिन वह तबादले और बाद में तबादले के आदेश को रद्द करने के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.

वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सत्यव्रत कुमार को जारी किए गए तबादले आदेश के बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली को जानकारी थी.

यह उत्सुकता पैदा करने वाला है कि लंदन में नीरव मोदी की गिरफ्तारी और उसे भारत प्रत्यर्पित नहीं करने की अपील के बीच सरकार ने नीरव मोदी मामले की जांच के प्रभारी अधिकारी का तबादला क्यों किया.

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ईडी के संयुक्त निदेशक सत्यव्रत कुमार के तबादले के आदेश को रद्द करने का आदेश

तथ्य यह है कि इससे बहुत बड़ा विवाद पैदा होता कि ईडी के निदेशक संजय कुमार मिश्रा ने विशेष निदेशक के तबादले के मूल आदेश को रद्द करने के लिए एक आदेश जारी किया.

सत्यव्रत कुमार को हटाने का कारण यह दिया गया कि उनकी प्रतिनियुक्ति (डेप्युटेशन) की अवधि समाप्त हो गई थी लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि वित्त मंत्रालय इससे पूरी तरह वाकिफ था कि इन मामलों से सत्यव्रत कुमार को हटाने से सुप्रीम कोर्ट नाराज होगा.

सवाल यही है कि कुमार को इतनी जल्दबाजी में हटाने का क्या कारण था? सूत्रों का कहना है कि नीरव मोदी मामले को विशेष रूप से प्रधानमंत्री कार्यालय से मॉनीटर किया जा रहा था और कुमार इस मामले में गंभीर राजनीतिक प्रयास को रोकने की कोशिश कर रहे थे.

ईडी में यह मौजूदा घटनाक्रम सीबीआई में हुए उस घटनाक्रम से मिलता-जुलता है, जिसमें मोदी सरकार ने आधीरात को आदेश जारी कर सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटा दिया था.

नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है. नीरव मोदी को पिछले सप्ताह ब्रिटेन में गिरफ्तार किया गया था.

ईडी के एक गुस्साए वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘वे खुद को चौकीदार कहते हैं तो घोटालेबाजों को बचाने में मदद क्यों कर रहे हैं.’

सत्यव्रत कुमार के तबादले को लेकर अफवाहें शुक्रवार शाम से फैलनी शुरू हुई थी. ईडी ने ट्वीट कर नीरव मोदी मामले की जांच कर रहे अधिकारी को कार्यमुक्त करने का खंडन किया था.

हालांकि द वायर के पास मौजूद दस्तावेजों से स्पष्ट होता है कि अधिकारी को पहले हटाया गया और बाद में उन्हें दोबारा बहाल किया गया.

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