सूडान के रक्षा मंत्री ने कहा कि अंतरिम सैन्य परिषद दो साल के लिए शासन करेगी. हम तीन महीने के लिए आपातकाल की घोषणा करते हैं और नए आदेश तक देश की सीमाएं एवं हवाई क्षेत्र को बंद करने का हुक्म देते हैं. देश ब्रेड की कीमत तीन गुणा करने के बाद पिछले साल दिसंबर में शुरू हुए प्रदर्शन अब तक जारी थे.
खरतूम: सूडान में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति उमर अल-बशीर को सेना ने बीते बृहस्पतिवार को पद से हटा दिया और उन्हें हिरासत में ले लिया. उप-राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री अवद इब्न औफ ने बृहस्पतिवार को सरकारी टीवी पर यह जानकारी दी.
इब्न औफ ने देश को टीवी पर संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं रक्षा मंत्री के तौर पर सरकार के गिरने का ऐलान करता हूं. सरकार के प्रमुख को एक सुरक्षित स्थान में हिरासत में रखा गया है.’
उन्होंने बताया कि बशीर की जगह सूडान मिलिट्री परिषद दो साल के लिए शासन करेगी. उन्होंने एक बयान पढ़ते हुए कहा कि हमने सूडान के 2005 के संविधान को निलंबित कर दिया है.
अब मालूम हो कि सूडान मिलिट्री परिषद इब्न औफ के नेतृत्व में देश चलाएगी.
इब्न औफ ने कहा कि हम तीन महीने के लिए आपातकाल की घोषणा करते हैं और नए आदेश तक देश की सीमाएं एवं हवाई क्षेत्र को बंद करने का हुक्म देते हैं.
इब्न औफ ने कहा कि सैन्य परिषद ने देश में संघर्षविराम घोषित कर दिया है जो युद्धग्रस्त दारफर, ब्लू नील और दक्षिण कुर्दफान में भी लागू होगा जहां बशीर सरकार लंबे वक्त से जातीय विद्रोहियों से लड़ रही है.
बशीर 1989 में हुए तख्तापलट के बाद सत्ता में आए थे. वह अफ्रीका में सबसे लंबे वक्त तक राष्ट्रपति रहे नेताओं में शामिल हैं. वह नरसंहार और युद्ध अपराध के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत में वांछित हैं.
बृहस्पतिवार को सेना ने ‘एक अहम घोषणा’ का वादा किया जिसके बाद सूडान के लोग राजधानी खरतूम के विभिन्न चौराहों पर जमा होने लगे.
वे सरकार गिरने के नारे लगा रहे थे. वे सब सैन्य मुख्यालय के बाहर खुले मैदान में घुस गए जहां प्रदर्शनकारी अपने अप्रत्याशित धरने को छठे भी जारी रखे हुए थे.
सरकार द्वारा ब्रेड की कीमत तीन गुणा करने के बाद दिसंबर में यह प्रदर्शन शुरू हुए थे. प्रदर्शन बशीर के लंबे शासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती रही.
सुरक्षा एजेंसियों ने सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का भी ऐलान किया. बृहस्पतिवार सुबह से ही समूचे खरतूम में सैनिकों को ले जाते सैन्य वाहन देखे गए.
चमश्दीदों ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि सैनिकों ने इस्लामिक मूवमेंट के दफ्तर पर छापा मारा. यह बशीर की सत्तारूढ़ नेशनल कांग्रेस पार्टी की विचारधारा इकाई है.
सरकारी टीवी पर मार्शल संगीत चलाया गया क्योंकि सैनिकों ने टीवी को अपने सामान्य कार्यक्रम रोकने का हुक्म दिया थाा.
सेना के मुख्यालय के बाहर दर्जनों प्रदर्शनकारी लैंडक्रूज़र और बख्तरबंद गाड़ियों पर चढ़ गए.
सरकारी मीडिया ने खबर दी है कि सूडान की खुफिया सेवा ने कहा कि वह देश के राजनीतिक क़ैदियों को रिहा कर रहे हैं.
सरकारी सुना समाचार एजेंसी ने कहा, ‘राष्ट्रीय खुफिया और सुरक्षा सेवा ने देश भर से सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का ऐलान किया है.’
पूर्वी शहर कसाला और पोर्ट सूडान में राजनीतिक कैदियों की रिहाई नहीं होने पर प्रदर्शनकारी एनआईएसएस की इमारतों में घुस गए.
एक चमश्दीद ने समाचार एजेंसी एएफपी को फोन पर बताया कि प्रदर्शनकारी एनआईएसएस इमारत गए और अधिकारियों से कैदियों को रिहा करने की मांग करने लगे.
उन्होंने बताया कि एनआईएसएस के अधिकारियों ने हवा में गोलियां चलाई तो प्रदर्शनकारी इमारत में घुस गए और सभी उपकरण लूट लिए.
चश्मदीद ने बताया कि पोर्ट सूडान में भी प्रदर्शनकारी बशीर विरोधी नारे लगाते हुए एनआईएसएस इमारत में घुस गए.
अलांयस फॉर फ्रीडम एंड चेंज (एएफसी) ने एक बयान में कहा कि हम अपने लोगों से संयम बरतने और किसी भी सरकारी या निजी संपत्ति पर हमला नहीं करने की अपील करते हैं.
बयान में कहा गया है कि अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उसे कानून के मुताबिक सज़ा मिलेगी. हमारी क्रांति शांतिपूर्ण है.
अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर में शुरू हुए प्रदर्शनों में अब तक 49 लोगों की मौत हो चुकी है. इस हफ्ते के शुरू में अमेरिका, ब्रिटेन और नॉर्वे ने पहली बार प्रदर्शनकारियों को समर्थन दिया.