क़र्ज़ में डूबी सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख विमानन कंपनी एयर इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि विमानों के इंजन बदलने के लिए कम से कम 1,500 करोड़ रुपये की ज़रूरत है.
मुंबई: सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख विमानन कंपनी एयर इंडिया को अपने 127 विमानों के बेड़े में मजबूरन 20 विमानों का परिचालन बंद करना पड़ा है, क्योंकि उसके पास इन विमानों के इंजन को बदलने को लेकर कोष की कमी है. इनमें दो गलियारे वाले चौड़े विमान तथा एक गलियारे वाले विमान शामिल हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अधिकारी ने कहा कि क़र्ज़ में डूबी एयर इंडिया सरकार से मिल रही मदद से चल रही है. उसे इन विमानों के इंजन के लिए कम से कम 1,500 करोड़ रुपये की ज़रूरत है. चूंकि फिलहाल कहीं से कोष आते नहीं दिख रहा, ऐसे में इन विमानों के जल्दी उड़ान भरने की संभावना कम है.
मालूम हो कि घाटे में चल रही एयरलाइन के बेड़े में 127 विमान हैं. इसमें 45 बड़े विमान (27 बी787 और 18 बी777), जबकि शेष एक गलियारे वाले विमान एयरबस ए320 हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘हमारे 20 विमान इंजन संबंधी मसलों के कारण पिछले कुछ महीनों से परिचालन से बाहर हैं. इसका मतलब है कि हमारा कुल बेड़े का 16 प्रतिशत परिचालन से बाहर है. इन विमानों में नए इंजन लगने हैं और इसके लिए करीब 1,500 करोड़ रुपये की ज़रूरत होगी.’
उन्होंने कहा कि इन विमानों में 14 ए3230, चार बी787-800 (ड्रीमलाइनर) और शेष दो बी777 हैं. अधिकारी ने कहा कि एयरलाइन पिछले साल से नए इंजन के साथ उन विमानों को परिचालन में लाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कोष की कमी के कारण अक्टूबर से पहले इन विमानों के उड़ान भरने की संभावना कम है.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त में एयरलाइन के पायलटों के एक संगठन आईसीपीए (इंडियन कॉमर्शियल पायलट एसोसिएशन) ने आरोप लगाया था कि कंपनी के 19 विमान कल-पुर्जों के अभाव में परिचालन से बाहर हैं. इससे एयरलाइन को नुकसान हो रहा है.
हालांकि, तत्कालीन चेयरमैन प्रदीप सिंह खरोला ने कहा था कि नियमित रखरखाव के मक़सद से ये विमान उड़ान नहीं भर रहे. खरोला अब विमानन सचिव हैं.
अधिकारी ने यह भी कहा कि एयरलाइन जेट एयरवेज़ के 200 चालक दल सदस्यों को नियुक्त करने की योजना बना रही है. लेकिन पूर्व की योजना के अनुसार बी777 विमानों को पट्टे पर देने के लिए संभवत: क़दम नहीं उठाएगी.