उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश लीला सेठ का निधन

लीला सेठ ने कानून के क्षेत्र में कई इतिहास रचे थे. वह लंदन बार परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने वाली पहली महिला थीं.

लीला सेठ ने कानून के क्षेत्र में कई इतिहास रचे थे. वह लंदन बार परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने वाली पहली महिला थीं.

Leila Seth Bar and Bench
न्यायमूर्ति लीला सेठ. (फोटो साभार: बार एंड बेंच डॉट कॉम)

देश के किसी उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश और प्रसिद्ध लेखक विक्रम सेठ की मां न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) लीला सेठ का निधन हो गया.

वह 86 साल थीं और शुक्रवार रात दिल का दौरा पड़ने से नोएडा स्थित घर पर उनका निधन हो गया.

उनके बेटे शांतुम सेठ ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, शुक्रवार रात तकरीबन 10:28 बजे पर दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. मेरे भाई विक्रम, बहन और हमारे परिवार के दूसरे सदस्य यहां हैं.

शांतुम ने कहा, करीब तीन हफ्ते पहले वह गिर गई थीं और उनकी कूल्हे की हड्डी टूट गई थी. अपोलो अस्पताल में उनका ऑपरेशन किया गया था और एक हफ्ते पहले ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी. हमने पीसीआर को फोन किया, एंबुलेंस आई लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

लीला सेठ ने कानून के क्षेत्र में कई इतिहास रचे थे. वह लंदन बार परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने वाली पहली महिला थीं, दिल्ली उच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश थीं और साथ ही किसी उच्च न्यायालय (हिमाचल प्रदेश) की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश थीं.

वह 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद 2012 में गठित की गई न्यायमूर्ति वर्मा समिति के तीन सदस्यों में भी शामिल थीं.

अ सूटेबल बॉय उपन्यास के रचनाकार विक्रम सेठ की मां लीला ख़ुद एक लेखिका थीं और उनकी आत्मकथा ऑन बैलेंस एक बेस्टसेलर रही है.

उन्होंने 2014 में प्रकाशित हुई किताब टॉकिंग ऑफ जस्टिस: पीपुल्स राइट्स इन मॉडर्न इंडिया भी लिखी है जिसमें उन्होंने 50 साल से ज़्यादा लंबे अपने कानूनी करिअर में अपने सामने आए महत्वपूर्ण मुद्दों की बात की है.