उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने बताया कि देश के इतिहास में संभवतया यह पहला मौका है जब आयोग को चुनावी हिंसा के मद्देनज़र चुनाव प्रचार में कटौती करनी पड़ी हो.
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मंगलवार को हुई चुनावी हिंसा के मद्देनजर राज्य में अंतिम चरण के मतदान के लिये निर्धारित अवधि से एक दिन पहले, 16 मई को रात दस बजे से चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करने का अप्रत्याशित फैसला किया है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल की नौ लोकसभा सीटों पर 19 मई को मतदान होना है.
चुनाव आयोग ने बुधवार को चुनाव प्रचार में कटौती का आदेश जारी करते हुये कहा कि पश्चिम बंगाल में 16 मई को रात दस बजे से हर प्रकार का प्रचार अभियान प्रतिबंधित हो जायेगा.
उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है जब आयोग को चुनावी हिंसा के मद्देनजर किसी चुनाव में निर्धारित अवधि से पहले चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करना पड़ा हो.
Election Commission: No election campaigning to be held in 9 parliamentary constituencies of West Bengal – Dum Dum, Barasat, Basirhat, Jaynagar, Mathurapur, Jadavpur, Diamond Harbour, South and North Kolkata from 10 pm tomorrow till the conclusion of polls. pic.twitter.com/cTpKS6jFwp
— ANI (@ANI) May 15, 2019
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान में पश्चिम बंगाल की नौ सीटें, दम दम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जाधवपुर, कोलकाता दक्षिण और कोलकाता पश्चिम लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं.
पूर्व निर्धारित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार इस चरण के मतदान से 48 घंटे पहले, 17 मई को शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार थम जायेगा. लेकिन पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का हवाला देते हुये आयोग ने राज्य में 16 मई को रात दस बजे से चुनाव प्रचार प्रतिबंधित कर दिया है. यह प्रतिबंध राज्य की सभी नौ सीटों पर 19 मई को मतदान पूरा होने तक जारी रहेगा.
आयोग ने मंगलवार को कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ हुयी हिंसक झड़प की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुये यह कार्रवाई की है.
कुमार ने स्पष्ट किया कि मंगलवार को हुई हिंसक झड़प के दौरान समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़े जाने के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर चुनाव आयोग ने गंभीर नाराजगी प्रकट करते हुये प्रचार अभियान को समय से पहले रोकने का फैसला किया है.
Election Commission: This is probably the first time that ECI has invoked Article 324 in this manner but it may not be last in cases of repetition of lawlessness and violence which vitiate the conduct of polls in a peaceful manner. pic.twitter.com/j8oG4cwP6V
— ANI (@ANI) May 15, 2019
उन्होंने कहा, ‘यह संभवत: पहला मौका जब आयोग को संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत इस तरह की कार्रवाई करनी पड़ी हो.’
इस बीच आयोग ने राज्य में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अजय नायक को विशेष पर्यवेक्षक और पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी विवेक दुबे को विशेष पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया है. इसके अलावा आयोग ने पश्चिम बंगाल में तैनात प्रशासनिक सेवा और पुलिस सेवा के दो अधिकारियों को भी सेवामुक्त कर इन्हें चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने का आदेश दिया है.
आयोग ने पश्चिम बंगाल की खुफिया शाखा (सीआईडी) के अतिरिक्त महानिदेशक राजीव कुमार को सेवा मुक्त कर केन्द्रीय गृह मंत्रालय से संबद्ध कर दिया है. उन्हें 16 मई को सुबह दस बजे तक मंत्रालय को रिपोर्ट करने को कहा गया है. साथ ही आयोग ने पश्चिम बंगाल के गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य को भी सेवामुक्त कर उनका प्रभार राज्य के मुख्य सचिव को सौंपने का आदेश दिया है.
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को शाह के रोड शो के बाद कोलकाता में व्यापक पैमाने पर हुई हिंसक घटनाओं के कारण राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति नाजुक हो गयी है. हिंसा के दौरान महान समाज सुधारक और पश्चिम बंगाल के आदर्श पुरुष के रूप में विख्यात ईश्वरचंद्र विद्यासागर की 19वीं सदी की एक प्रतिमा भी क्षतिग्रस्त की गई.