राष्ट्रपति ने 16वीं लोकसभा भंग की, नई सरकार के गठन का दावा पेश करेंगे मोदी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को 16वीं लोकसभा भंग करने की सिफ़ारिश की थी. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सामूहिक इस्तीफ़ा सौंप दिया था.

भारतीय संसद (रॉयटर्स)
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को 16वीं लोकसभा भंग करने की सिफ़ारिश की थी. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सामूहिक इस्तीफ़ा सौंप दिया था.

भारतीय संसद (रॉयटर्स)
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नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को 16वीं लोकसभा भंग करने की कैबिनेट की सिफारिश को मंजूरी दे दी. राष्ट्रपति भवन ने यह जानकारी दी है. शुक्रवार को कैबिनेट ने 16वीं लोकसभा भंग करने की सिफारिश की थी और राष्ट्रपति से इसे तत्काल प्रभाव से भंग करने का आग्रह किया था.

राष्ट्रपति भवन की विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति ने कैबिनेट की इस सिफारिश को स्वीकार करते हुए संविधान के अनुच्छेद 85 के उपबंध 2 के सह उपबंध (ब) के तहत प्राप्त अधिकारियों का प्रयोग करते हुए 16वीं लोकसभा भंग करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए.

16वीं लोकसभा का कार्यकाल 3 जून को समाप्त हो रहा है. इसकी पहली बैठक 4 जून 2014 को बुलाई गई थी और तब सदस्यों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को 16वीं लोकसभा भंग करने की सिफारिश की थी. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया था.

राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री सहित मंत्रिपरिषद का इस्तीफा स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री से नयी सरकार बनने तक पद पर बने रहने का आग्रह किया है.

वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई सरकार के गठन का दावा पेश करने के लिए शनिवार रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर सकते हैं.

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री रात करीब आठ बजे राष्ट्रपति से मिलने जा सकते हैं और इससे पहले शाम सात बजे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (राजग) के नेता कोविंद से मिलेंगे.

लोकसभा चुनाव में राजग बड़े बहुमत के साथ वापस लौटा है और भाजपा ने अकेले 303 सीटें हासिल की हैं. 543 में से 542 सीटों पर चुनाव हुए थे. वेल्लोर लोकसभा सीट पर धन के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर चुनाव आयोग ने मतदान निरस्त कर दिया था.

जब सूत्रों से पूछा गया कि क्या मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में विदेशी मेहमानों को आमंत्रित किया जाएगा तो उन्होंने कहा, ‘अभी इस तरह की कोई जानकारी नहीं है. फैसला हो जाए तो हम जानकारी साझा करेंगे.’ मोदी ने 2014 में अपने शपथ ग्रहण समारोह में दक्षेस के सदस्य देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया था.

इस बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शनिवार को राष्ट्रपति कोविंद से मिलकर उन्हें लोकसभा के 542 नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची सौंपी. राष्ट्रपति को चुनाव परिणाम सौंपे जाने के समय निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा भी अरोड़ा के साथ थे. चुनाव परिणाम के आधार पर 17वीं लोकसभा का गठन होगा.

निर्वाचन आयोग ने लोकसभा की 543 सीटों पर मतदान के लिये 10 मार्च को चुनाव कार्यक्रम घोषित किया था. सात चरणों में, 11 अप्रैल से 19 मई तक, लोकसभा की 542 सीट पर हुये मतदान के बाद 23 मई को मतगणना हुई.

तमिलनाडु की वेल्लोर सीट पर धनबल के इस्तेमाल की शिकायतों के आधार पर आयोग ने मतदान से पहले ही चुनाव स्थगित कर दिया था. इस सीट पर अभी चुनाव होना बाकी है.

दो दिन तक चली मतगणना के बाद शुक्रवार को घोषित चुनाव परिणाम के आधार पर सत्तारूढ़ भाजपा को सर्वाधिक 303 सीट मिलीं. वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस महज 52 सीट पर सिमट गयी. चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक आयोग को 17वीं लोकसभा के चुनाव की प्रकिया 27 मई से पहले पूरी करनी है.