नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली

नरेंद्र मोदी के साथ 24 कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिसमें राजनाथ सिंह और अमित शाह के अलावा पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर शामिल हैं.

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नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन प्रांगण में बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. (फोटो साभार: ट्विटर)

नरेंद्र मोदी के साथ 24 कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिसमें राजनाथ सिंह और अमित शाह के अलावा पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर शामिल हैं.

नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन प्रांगण में बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. (फोटो साभार: ट्विटर)
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन प्रांगण में बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर लगातार दूसरी बार बृहस्पतिवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी में ईश्वर के नाम पर शपथ ली. स्पष्ट जनादेश वाली गैर कांग्रेसी सरकार के प्रधानमंत्री के तौर पर लगातार दूसरी बार शपथ लेने वाले वह पहले नेता हैं.

शपथ लेने के बाद 68 वर्षीय नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के पास जाकर उनसे हाथ मिलाया और उनकी बधाई स्वीकार की.

मोदी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का नेतृत्व भी कर रहे हैं. शपथ समारोह में देश विदेश के विविध क्षेत्रों के गणमान्य लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे.

नरेंद्र मोदी के भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने शपथ ली.

नरेंद्र मोदी के साथ 24 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें राजनाथ सिंह और अमित शाह के अलावा पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर शामिल है.

राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में करीब आठ हजार मेहमान शामिल हुए. वर्ष 2014 में मोदी को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दक्षेस देशों के प्रमुखों सहित 3500 से अधिक मेहमानों की मौजूदगी में शपथ दिलाई थी.

राष्ट्रपति भवन के प्रांगण का इस्तेमाल आम तौर पर देश की यात्रा पर आने वाले राष्ट्राध्यक्षों एवं सरकार के प्रमुखों के औपचारिक स्वागत के लिए किया जाता है.

इससे पहले 1990 में चंद्रशेखर और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ दिलायी गई थी.

शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों- बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, म्यांमार के राष्ट्रपति यू. विन मिंट और भूटान के प्रधानमंत्री लोताय शेरिंग शामिल हुए.

थाईलैंड से उसके विशेष दूत जी. बूनराच ने देश का प्रतिनिधित्व किया. भारत के अलावा बिम्सटेक में बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं.

इन नेताओं के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन के वर्तमान अध्यक्ष और किर्गिस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति जीनबेकोव और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया .

मोदी की अगुवाई में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 542 सीटों में से 303 सीटें जीतकर सत्ता में बहुमत के साथ वापसी की है.

मोदी मंत्रिमंडल में 24 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार शामिल

नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में बृहस्पतिवार को उनके साथ 24 कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिसमें राजनाथ सिंह और अमित शाह के अलावा पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर शामिल हैं.

मंत्रिपरिषद में नौ राज्य मंत्रियों ने (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली. सरकार में पहली बार शामिल होने वालों में जयशंकर के अलावा प्रह्लाद जोशी, अर्जुन मुंडा और रमेश पोखरियाल निशंक शामिल हैं.

मोदी मंत्री परिषद में कैबिनेट मंत्री के रूप में राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, डीवी सदानंद गौड़ा, निर्मला सीतारमण, राम विलास पासवान, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, हरसिमरत कौर बादल, थावर चंद गहलोत, एस. जयशंकर, रमेश पोखरियाल निशंक, अर्जुन मुंडा, स्मृति ईरानी और डॉ. हर्षवर्द्धन, प्रकाश जावडे़कर, पीयूष गोयल ने शपथ ली.

कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वालों में धर्मेंद्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी, प्रहलाद जोशी, डॉ. महेंद्र नाथ पांडे भी शामिल हैं.

संतोष कुमार गंगवार, राव इंद्रजीत सिंह, श्रीपद नायक, डॉ. जितेंद्र सिंह, किरेन रिजिजू, प्रहलाद पटेल, राजकुमार सिंह, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख लाल मंडाविया ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर शपथ ली.

2014 में मोदी की पहली सरकार में 23 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली थी.

नई सरकार में सुषमा स्वराज, राज्यवर्द्धन सिंह राठौर और मेनका गांधी शामिल नहीं है.

लोकसभा की अस्थायी अध्यक्ष बन सकती हैं मेनका गांधी

भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी 17वीं लोकसभा में अस्थायी अध्यक्ष (प्रो-टर्म स्पीकर) बन सकती हैं.

सूत्रों ने बताया कि आठ बार की सांसद मेनका को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है. इस बार वह उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से निर्वाचित हुई हैं.

मेनका इससे पहले की मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं.

लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष सदन के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाता है. उसी के तहत ही लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव भी होता है.