स्विस बैंक में खाता रखने वाले एक और भारतीय का नाम उजागर

स्विट्ज़रलैंड ने स्विस बैंक में कथित तौर पर काला धन रखने के मामले में 28 मई को भारतीय कारोबारी पोतलुरी राजा मोहन राव को नोटिस भेजा है और उन्हें अपील करने के लिए 10 दिन का समय दिया है. इससे पहले 14 अन्य लोगों के नाम उजागर किए जा चुके हैं.

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(फोटो: रॉयटर्स)

स्विट्ज़रलैंड ने स्विस बैंक में कथित तौर पर काला धन रखने के मामले में 28 मई को भारतीय कारोबारी पोतलुरी राजा मोहन राव को नोटिस भेजा है और उन्हें अपील करने के लिए 10 दिन का समय दिया है. इससे पहले 14 अन्य लोगों के नाम उजागर किए जा चुके हैं.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्लीः स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों में कथित तौर पर काला धन रखने वाले भारतीय खाताधारकों पर कार्रवाई के लिए भारत के साथ संबंधित सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. इस संबंध में स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने नया सार्वजनिक नोटिस पोतलुरी राजा मोहन राव के नाम जारी किया गया है.

इससे पहले पिछले महीने ऐसे 14 लोगों के बारे में सूचना साझा करने से पहले उनको नोटिस जारी किए गए थे.

नियमों के तहत इस तरह के नोटिस उन्हें उनके खातों के बारे में भारत सरकार को जानकारी देने के ख़िलाफ़ अपील करने का एक अंतिम मौका देने के लिए जारी किए जाते हैं.

अधिकारियों के अनुसार, आने वाले सप्ताह में इस तरह के कई नोटिस जारी किए जा सकते हैं. भारत ने स्विस बैंकों में कथित तौर पर काला धन रखने वाले भारतीयों की जानकारियां स्विट्जरलैंड सरकार से मांगी है.

राव को यह नोटिस 28 मई को जारी किया गया और उसे अपील करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है. इससे पहले 21 मई को 11 लोगों को नोटिस दिए गए थे.

स्विट्जरलैंड के संघीय कर विभाग के नोटिस में राव के जन्मदिन (15 जुलाई 1951) और उसके भारतीय पता के अलावा कोई अन्य जानकारी का खुलासा नहीं किया गया है.

हालांकि अधिकारियों का कहना है कि राव दूरसंचार समेत दक्षिण भारत में कई तरह के कारोबार में शामिल हैं. स्विट्जरलैंड उसके बैंकों में खाते रखने वाले ग्राहकों की गोपनीयता बनाए रखने को लेकर एक बड़े वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में जाना जाता रहा है, लेकिन कर चोरी के मामले में वैश्विक स्तर पर समझौते के बाद गोपनीयता की यह दीवार अब नहीं रही.

खाताधारकों की सूचनाओं को साझा करने को लेकर भारत सरकार के साथ उसने समझौता किया है. अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौते किए गए हैं. स्विस बैंक के विदेशी उपभोक्ताओं की सूचनाएं साझा करने से संबंधित स्विट्जरलैंड के कर विभाग के नोटिसों के अनुसार, स्विट्जरलैंड ने हालिया समय में कुछ देशों के साथ सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है.

पिछले कुछ सप्ताह के दौरान भारत से संबंधित मामलों में अधिक तेजी आयी है. विभाग नोटिस का गजट प्रकाशन (सार्वजनिक) करते समय व्यक्ति का नाम संक्षिप्त कर देता है पर इनमें दो भारतीयों का पूरा नाम बताया गया है.

इनमें मई 1949 में पैदा हुए कृष्ण भगवान रामचंद और सितंबर 1972 में पैदा हुए कल्पेश हर्षद किनारीवाला शामिल हैं. हालांकि इनके बारे में अन्य जानकारियों का खुलासा नहीं किया गया है.

अन्य नामों में जिनके शुरुआती अक्षर बताए गए हैं, उनमें 24 नवंबर 1944 को पैदा हुए एएसबीके, नौ जुलाई 1944 को पैदा हुए एबीकेआई, दो नवंबर 1983 को पैदा हुईं श्रीमती पीएएस, 22 नवंबर 1973 को पैदा हुईं श्रीमती आरएएस, 27 नवंबर 1944 को पैदा हुए एपीएस, 14 अगस्त 1949 को पैदा हुईं श्रीमती एडीएस, 20 मई 1935 को पैदा हुए एमएलए, 21 फरवरी 1968 को पैदा हुए एनएमए और 27 जून 1973 को पैदा हुए एमएमए शामिल हैं.