राम मंदिर को लेकर जनता को मूर्ख बना रही है केंद्र सरकार: स्वामी स्वरूपानंद

पश्चिम बंगाल में ‘जय श्री राम’ के नारों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आक्रोशित प्रतिक्रिया पर द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि इसे राम के ख़िलाफ़ उनके विरोध के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. ममता राम का विरोध नहीं कर रहीं बल्कि भाजपा का विरोध कर रही हैं.

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शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती. (फोटो: पीटीआई)

पश्चिम बंगाल में ‘जय श्री राम’ के नारों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आक्रोशित प्रतिक्रिया पर द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि इसे राम के ख़िलाफ़ उनके विरोध के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. ममता राम का विरोध नहीं कर रहीं बल्कि भाजपा का विरोध कर रही हैं.

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती. (फोटो: पीटीआई)
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती. (फोटो: पीटीआई)

हरिद्वार: हिंदू महंत शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर जनता को मूर्ख बना रही है और कहा कि केंद्र ने राम जन्मभूमि के निर्माण के बजाय कहीं और मंदिर बनाने का फैसला कर लिया है.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने पत्रकारों से कहा, ‘केंद्र ने यह कहते हुए उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर किया कि वह अयोध्या में विवादित भूमि के आसपास अधिग्रहित की गई 67 एकड़ भूमि मूल मालिकों को लौटा देगी.’

उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि उसने अयोध्या में राम के जन्म वाले असली स्थान के बजाय कहीं और राम मंदिर बनाने का मन बना लिया है.’ उन्होंने कहा, ‘अयोध्या में भव्य मंदिर बनाने के उसके सभी दावे जनता को मूर्ख बनाने के लिए उसकी आंखों में धूल झोंकने जैसे हैं.’

पश्चिम बंगाल में ‘जय श्री राम’ के नारों पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की आक्रोशित प्रतिक्रिया पर स्वरूपानंद ने कहा कि इसे राम के खिलाफ ममता के विरोध के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.

द्वारका पीठ के शंकराचार्य ने कहा, ‘वह राम का विरोध नहीं कर रहीं बल्कि भाजपा का विरोध कर रही हैं. वह पूरी तरह से राजनीतिक वजहों से ऐसा कर रही हैं.’

जम्मू कश्मीर पर महंत ने कहा, ‘अगर अनुच्छेद 370 हट जाता है और राज्य से बाहर निकाल दिए गए कश्मीरी पंडित वहां फिर से बस जाते हैं तो राज्य में निश्चित तौर पर शांति लौटेगी. मैं आशावादी हूं और जो भी यह करेगा उसे हमारा पूरा सहयोग मिलेगा. हमारी किसी से कोई रंजिश नहीं है.’

शंकराचार्य ने भाजपा की शानदार जीत के पीछे ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘कम अंतर से जीत अधिक विश्वसनीय होती. इस तरह की जीत ईवीएम के बारे में उठाई जा रही शंकाओं को बल देती है. अगर लोगों का ईवीएम से भरोसा उठ गया है तो उन्हें बदल क्यों नहीं दिया जाता?’

उन्होंने राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोगों की भारी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा क्योंकि वह पिछली बार के मुकाबले ज्यादा बड़े जनादेश के साथ लौटे हैं.

शंकराचार्य ने कहा, ‘मोदी का मतलब है कि ऐसा व्यक्ति जो गोमांस का निर्यात रोकेगा, आतंकवाद खत्म करेगा, महंगाई पर लगाम लगाएगा, अनुच्छेद 370 रद्द करेगा और समान नागरिक संहिता लागू करेगा. अगर वह यह सब करने में नाकाम रहते हैं तो मोदी नाम का कोई मतलब नहीं रह जाएगा.’

उन्होंने यह भी कहा कि साई बाबा की बढ़ती लोकप्रियता हिंदू धर्म को खत्म करने की पूर्व नियोजित साजिश है.