रामलला के दर्शन के लिए बाबर के अनुयायियों से वीज़ा की ज़रूरत नहीं: कैबिनेट मंत्री

उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा, लगभग 500 साल पहले आक्रमणकारियों ने हमारी संस्कृति के प्रतीक को ध्वस्त करने का प्रयास किया.

उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा, लगभग 500 साल पहले आक्रमणकारियों ने हमारी संस्कृति के प्रतीक को ध्वस्त करने का प्रयास किया.

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उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या नगर निगम के गठन को मंज़ूरी दिए जाने के एक दिन बाद राज्य के कैबिनेट मंत्री और सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बुधवार को अयोध्या में रामलला के दर्शन किए.

शर्मा ने फैज़ाबाद ज़िले के अयोध्या में रामलला के दर्शन के बाद कहा कि रामलला के दर्शन के लिए राम भक्तों को बाबर के अनुयायियों से किसी वीज़ा की आवश्यकता नहीं है.

मंत्री ने कहा, लगभग 500 साल पहले आक्रमणकारियों ने हमारी संस्कृति के प्रतीक को ध्वस्त करने का प्रयास किया.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के सभी धार्मिक स्थलों के चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध है.

शर्मा ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के हल को लेकर उच्चतम न्यायालय की सलाह का उल्लेख करते हुए कहा, ‘मैं इस विवाद के अदालत से बाहर निपटारे के उच्चतम न्यायालय के सुझाव का स्वागत करता हूं. समाज के हर वर्ग के लोगों को मिल बैठकर चर्चा करनी चाहिए कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का रास्ता कैसे निकले.’

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराणा प्रताप को समाज के लिए आदर्श बताते हुए मंगलवार को बाबर और औरंगज़ेब को आक्रमणकारी क़रार दिया था. उन्होंने कहा था कि हम सदैव महाराणा प्रताप के दिखाए रास्ते पर चलेंगे.

योगी ने यहां महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर हुए एक कार्यक्रम में कहा था, ‘जिस कौम के अंदर अपने इतिहास को संजोने की क्षमता नहीं है, वह अपना भूगोल सुरक्षित नहीं रख सकती.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि अक़बर, औरंगज़ेब और बाबर आक्रमणकारी थे. जितनी जल्दी हम इस सच्चाई को स्वीकार कर लें, हमारे देश की सभी समस्याओं का अंत हो जाएगा.

उन्होंने कहा, महाराणा प्रताप, गुरु गोविंद सिंह और छत्रपति शिवाजी हमारे आदर्श हैं. हम सदैव उनके दिखाए रास्ते पर चलते रहेंगे. उनके स्वाभिमान और चरित्र की दृढ़ता से सीख लेनी चाहिए.

राज्य सरकार ने मंगलवार को ही अयोध्या और मथुरा को नगर निगम बनाने का महत्वपूर्ण फैसला किया है.

मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला किया गया. बैठक के बाद श्रीकांत शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा था, ‘फैजाबाद-अयोध्या को मिलाकर एक नगर निगम बनाया जाएगा. इसी तरह मथुरा-वृंदावन को भी मिलाकर नगर निगम का गठन होगा.

उन्होंने कहा कि सरकार धार्मिक नगरियों का विकास चाहती है और श्रद्धालुओं को सभी सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए. ऐसी सुविधाएं जो दुनिया के अन्य धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं को मिलती हैं.

शर्मा ने कहा, ऐसी सुविधाएं देने के लिए ही अहम फैसला कैबिनेट ने लिया है. भगवान राम के प्रति करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है और इस स्थान का विकास हो, सरकार ऐसा चाहती है.

उन्होंने कहा कि धार्मिक नगरियों का पर्याप्त सुविधाएं हो क्योंकि देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं. उन्हें सुविधाएं मिलें, वहां रोज़गार के अवसर उपलब्ध हों. आने वाले समय में अयोध्या को रेल और सड़क मार्ग से मजबूती से जोड़ा जाएगा. हवाई कनेक्टिविटी भी दी जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत ना आने पाए.

उन्होंने कहा कि नगर निगम बनने से अयोध्या फैज़ाबाद में बिजली, पानी, सड़क सहित मूलभूत बुनियादी ढांचा मजबूत होगा.

शर्मा ने कहा, उसी क्रम में दूसरा बड़ा फैसला किया गया. मथुरा-वृंदावन धार्मिक नगरी है. देश दुनिया से कृष्ण भक्त वहां आते हैं. उन सभी कृष्ण भक्तों को वह तमाम सुविधाएं मिलें, जिनकी उन्हें आवश्यकता है, इसी मकसद से निगम बनाने का फैसला किया गया.

उन्होंने कहा कि मथुरा-वृंदावन की धार्मिक संस्कृति का अंतरराष्ट्रीय महत्व है इसलिए स्थानीय निवासियों और तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए ये फैसला लिया है.

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