भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर के ममता बनर्जी का प्रमुख रणनीतिकार होने की अटकलों पर कहा कि बंगाल की जनता का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भरोसा उठ चुका है और कोई भी चुनावी रणनीतिकार इसे बदल नहीं सकता.
नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस द्वारा चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कथित तौर पर सेवाएं लेने की आलोचना करते हुए भाजपा ने कहा कि वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बड़े रणनीतिकार नहीं हैं.
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘प्रशांत किशोर की तुलना में अमित शाह बड़े चुनावी रणनीतिकार हैं और जहाँ तक चुनावी रणनीति का सवाल है, भाजपा प्रमुख उस कॉलेज के प्रिसिंपल हैं जिसमें प्रशांत किशोर अभी तक छात्र हैं.’
भाजपा महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी प्रभारी विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल की जनता का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर से भरोसा उठ चुका है और कोई भी चुनावी रणनीतिकार इस चीज को बदल नहीं सकता.
उन्होंने कहा, ‘टीएमसी चाहे जितने भी चुनावी रणनीतिकार रख ले लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि लोगों ने ममता बनर्जी सरकार को सत्ता से बेदखल करने का मन बना लिया है. हमें प्रशांत किशोर के टीएमसी के साथ मिलकर काम करने से कोई परेशानी नहीं है.’
टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘सबसे पहले प्रशांत किशोर और उनकी टीम बंगाल में विभिन्न सीटों पर टीएमसी की हार के कारणों की समीक्षा करेगी. इसके बाद वह आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए रणनीति बनाएंगे, जिसमें राज्य सरकार की विभिन्न विकास परियोजनाओं के जरिए बड़े पैमाने प र लोगों से जुड़ा जाएगा.’
किशोर ने गुरुवार को यहां तृणमूल प्रमुख से मुलाकात की थी, जिससे निकट भविष्य में उनके ममता के साथ काम करने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं, ताकि टीएमसी को राज्य में भाजपा के बढ़ते प्रभाव को रोकने और 2021 के विधानसभा चुनाव में बंगाल पर अपनी पकड़ बनाए रखने में मदद मिल सके.
बहरहाल, तृणमूल नेतृत्व और प्रशांत किशोर दोनों ही इस नियुक्ति के बारे में खुल कर कुछ नहीं बोल रहे हैं. हालांकि टीएमसी सूत्रों ने बताया कि प्रशांत किशोर के अपनी टीम के साथ जुलाई से बंगाल में काम करने की संभावना है.
गौरतलब है कि हालिया लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 में से 18 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की. वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटें हासिल की थी.