पंजाब के संगरूर ज़िले में फतेहवीर सिंह नाम का एक दो वर्षीय बच्चा अपने घर के पास एक सूखे पड़े 125 फुट गहरे बोरवेल में पांच दिन पहले गिर गया था.
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संगरूर/पंजाब: पंजाब के संगरूर जिले में 150 फुट गहरे बोरवेल में गिरे दो वर्षीय फतेहवीर सिंह को करीब 110 घंटे बाद मंगलवार सुबह बाहर तो निकाल लिया गया लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.
अधिकारियों ने बताया कि ‘राष्ट्रीय आपदा मोचन बल’ के कर्मियों ने सुबह करीब साढ़े पांच बजे बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाला था. संगरूर उपायुक्त घनश्याम ठोरी ने बताया कि पुलिस सुरक्षा के बीच बच्चे को चंडीगढ़ के ‘स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान’ (पीजीआईएमईआर) ले जाया गया था.
अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को मृत अवस्था में वहां लाया गया था.
Two-year-old Fatehveer Singh, who had fallen into a borewell in Sangrur, has passed away. https://t.co/wMn4IAhJJe
— ANI (@ANI) June 11, 2019
पीजीआईएमईआर के चिकित्सा अधीक्षक ए.के. गुप्ता ने कहा, ‘शव का जल्द ही पोस्टमार्टम कराया जाएगा.’ साथ ही उन्होंने बताया कि अस्पताल बयान जारी करेगा. गुप्ता ने बताया कि बच्चे को सुबह अस्पताल लाए जाने के बाद उसे ‘उन्नत बाल चिकित्सा केन्द्र’ ले जाया गया.
फतेहवीर इसी सोमवार को दो साल का हुआ था. वह सात इंच चौड़े और 125 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था. वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान था. फतेहवीर सिंह जिले के भगवानपुरा गांव में अपने घर के पास एक सूखे पड़े बोरवेल में गुरुवार शाम करीब चार बजे गिर गया था.
बोरवेल कपड़े से ढका हुआ था इसलिए बच्चा दुर्घटनावश उसमें गिर गया. अधिकारियों ने बताया कि बच्चे की मां ने उसे बचाने की कोशिश की थी, लेकिन वह उसे बचा नहीं पाई.

बच्चे को बाहर निकालने के लिए व्यापक स्तर पर एक बचाव अभियान चलाया गया था. अधिकारी बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाने में तो सफल रहे थे लेकिन वे उस तक खाना-पीना नहीं पहुंचा पाए थे.
ठोरी ने मीडिया को बताया कि यह 100 फुट से अधिक गहराई पर एनडीआरएफ द्वारा चलाए गए सबसे कठिन अभियानों में से एक था. बच्चे को बचाने के लिए बोरवेल के समानांतर एक दूसरा बोरवेल खोदा गया था और उसमें कंक्रीट के बने 36 इंच व्यास के पाइप डाले गए थे.
बचाव अभियान में देरी के कारण स्थानीय लोगों ने सोमवार को जिला प्रशासन और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था. सुनाम-मानसा मार्ग को गांववालों ने बाधित कर दिया था.