बंगाल में रहने वालों को बांग्ला भाषा में बोलना सीखना होगा: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि बाहरी लोग राज्य में डॉक्टरों के आंदोलन को उकसा रहे हैं. पुलिस हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

Kolkata: West Bengal chief minister and Trinamool Congress chief Mamata Banerjee addresses the party's extended Core Committee meeting in Kolkata, Monday, Feb 25, 2019. (PTI Photo/Swapan Mahapatra) (PTI2_25_2019_000127B)
ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि बाहरी लोग राज्य में डॉक्टरों के आंदोलन को उकसा रहे हैं. पुलिस हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

Kolkata: West Bengal chief minister and Trinamool Congress chief Mamata Banerjee addresses the party's extended Core Committee meeting in Kolkata, Monday, Feb 25, 2019. (PTI Photo/Swapan Mahapatra) (PTI2_25_2019_000127B)
ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)

कांचरापाड़ा (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में रहने वालों को बांग्ला भाषा में बोलना सीखना होगा.

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने दोहराया कि बाहरी लोग राज्य में डॉक्टरों के आंदोलन को उकसा रहे हैं. ममता ने भाजपा पर बंगालियों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया.

उन्होंने कांचरापाड़ा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘बाहरी लोग डॉक्टरों को उकसा रहे हैं. मैंने सही कहा था कि वे कल (गुरुवार) के प्रदर्शन में शामिल थे. मैंने (एसएसकेएम अस्पताल में) कुछ बाहरियों को नारेबाजी करते हुए देखा.’

ममता ने आरोप लगाया कि हाल में हुए लोकसभा चुनावों में ईवीएम में गड़बड़ी की गई थी. उन्होंने कहा कि चुनाव कराने के लिए मतपत्रों का इस्तेमाल होना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सिर्फ इसलिए कि वे (भाजपा) ईवीएम में गड़बड़ी करके कुछ सीटें जीत गए, इसका मतलब यह नहीं कि वे बंगालियों और अल्पसंख्यकों को पीट सकते हैं. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘पुलिस हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. अगर कोई बंगाल में रह रहा है तो उसे बांग्ला (भाषा) सीखनी पड़ेगी.’

मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी है. हड़ताल के कारण सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों तथा कई निजी अस्पतालों में नियमित सेवा प्रभावित हो रही है.

नील रतन सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद जूनियर डॉक्टरों के दो सहयोगियों पर कथित रूप से हमला करने और उनके गंभीर रूप से घायल होने के बाद डॉक्टर बीते 11 जून से सरकारी अस्पतालों में खुद की सुरक्षा की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.