मामला बस्तर जिले के जगदलपुर का है. मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के प्रमुख ने बताया कि दो दिन पहले अस्पताल में बुखार से पीड़ित चार बच्चों को भर्ती कराया गया था जिसमें से एक बच्चे की गुरुवार की रात मृत्यु हो गई.
जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में जापानी बुखार से एक बच्चे की मौत हो गई है.
जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के प्रमुख अनुरूप साहू ने शुक्रवार को यहां बताया कि दो दिनों पहले अस्पताल में बुखार से पीड़ित चार बच्चों को भर्ती कराया गया था जिसमें से एक बच्चे की गुरुवार की रात मृत्यु हो गई है.
साहू ने बताया कि बच्चों में जापानी बुखार के लक्षण मिले हैं. हालांकि जांच के बाद ही इस संबंध में सही जानकारी मिल सकेगी.
Chhattisgarh govt: Out of the 3 children admitted at Jagdalpur's Dimrapal Medical College, only one was found Japanese Encephalitis positive&died on 20 June.Other child has already been discharged while the 3rd can be discharged today. It's a case of Japanese Encephalitis¬ AES
— ANI (@ANI) June 21, 2019
बस्तर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर देवेन्द्र नाग ने बताया कि जानकारी मिली है कि अस्पताल में जापानी इंसेफलाइटिस से पीड़ित एक बच्चे की मौत हो गई है.
उन्होंने बताया कि अस्पताल में कल चार साल के बच्चे भुवने की जापानी बुखार से मौत हो गई. यह बच्चा जिले के बकावण्ड विकासखण्ड के ग्राम चोलनार के छोटे मुण्डापारा का रहने वाला था. नाग ने बताया कि जगदलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में
वर्ष 2018 में छह माह के भीतर छह बच्चों की जापानी बुखार से मौत हो गई थी. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष अक्टूबर से दिसंबर तक करीब 173 बच्चों की जांच कराई गई थी. जिनमें से 33 पॉजिटिव पाए गए थे.
बस्तर जिले के कलेक्टर अय्याज तम्बोली ने बताया कि जापानी बुखार की रोकथाम के लिए सभी स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सों से कहा गया है कि इस बीमारी के लक्षण पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई करें.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, छत्तीसगढ़ सरकार की प्रेस रिलीज के अनुसार, वह बच्चा बीते 10 जून से बुखार से पीड़ित था और उसे इलाज के लिए बस्तर के सामुदायिक केंद्र ले जाया गया था. हालांकि, 18 जून तक तबीयत में कोई सुधार नहीं होने के बाद उसे डिमरापाल मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. हालांकि, इसके बावजूद 20 जून को अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई.
इसके बाद बच्चे के साथ संपर्क में आए 88 लोगों का जापानी बुखार के लिए टेस्ट किया गया लेकिन किसी को भी पॉजिटीव नहीं पाया गया.
बता दें कि भारत में सबसे सामान्य तौर पर जो वायरस पाया जाता है उससे जापानी इंसेफलाइटिस (जापानी बुखार) होता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुमान के अनुसार दिमागी बुखार के 5-35 फीसदी मामले जापानी बुखार वायरस के कारण होते हैं.
यह घातक बीमारी सुअरों से पैदा होती है और मच्छरों के माध्यम से इंसानों खासकर बच्चों में फैल जाती है. जापानी बुखार की पहचान बुखार, मतली और थकान जैसे लक्षणों से होती है.
वहीं, दिमागी बुखार का दायरा बहुत विस्तृत है जिसमें अनेक संक्रमण शामिल होते हैं और यह बच्चों को प्रभावित करता है. यह सिंड्रोम वायरस, बैक्टीरिया या फंगस के कारण हो सकता है.
बता दें कि, बिहार के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 16 ज़िलों में दिमागी बुखार या एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से इस महीने की शुरुआत से 600 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं जिनमें से 136 की मौत हो गई.
मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक अब तक 117 की मौत हुई है. इसके अलावा भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामढ़ी और समस्तीपुर से मौतों के मामले सामने आए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)