कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने यह बात तब कही जब येरमरूस थर्मल पावर स्टेशन के कर्मचारी अपनी मांगों की सूची सौंपने के लिए उनके काफिले का रास्ता रोक रहे थे.
बेंगलुरू: कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को रायचूर जिले में येरमरूस थर्मल पावर स्टेशन (वाईटीपीएस) के कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों की सूची सौंपने के लिए काफिले का रास्ता रोकना नागवार गुजरा.
बुधवार को जब कर्मचारियों का एक समूह कुमारस्वामी के पास पहुंचा तो वह उन पर भड़क गए. मुख्यमंत्री अपने ‘ग्राम वास्तव्य’ (गांव प्रवास) कार्यक्रम के लिए प्रदेश के रायचूर में थे, जहां कर्मचारियों के समूह ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से संपर्क किया और नारेबाजी की.
उनकी मांगों में रोजगार का वादा नहीं पूरा किया जाना भी शामिल था. उन्होंने यह भी कहा कि बिजली संयंत्र के लिए उनकी जमीन लेते समय उन्हें रोजगार देने का वादा किया गया था.
इस पर मुख्यमंत्री ने वाईटीपीएस के कर्मचारियों से कहा, ‘आपने नरेंद्र मोदी को वोट किया और काम आप मुझसे करवाना चाहते हैं! आप मुझसे चाहते हैं कि मैं आपका आदर करूं. क्या मुझे आप पर लाठीचार्ज कराना चाहिए? चले जाइये यहां से.’
#WATCH Raichur: Workers from Yermarus Thermal Power Station protested before the bus of Karnataka CM HD Kumaraswamy over wages and other issues & raised slogans of 'Shame! Shame!', while he was on his way to Karegudda for his 'village stay prog'. The CM got angry on protesters. pic.twitter.com/FK3OI4limx
— ANI (@ANI) June 26, 2019
मुख्यमंत्री के इस आचरण की भाजपा और प्रदेश पार्टी प्रमुख बीएस येदियुरप्पा ने आलोचना की और कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा रखने वाले लोगों पर चीखना-चिल्लाना लोकतंत्र के खिलाफ है.
बाद में कुमारस्वामी ने एक चैनल से कहा कि उन्होंने कर्मचारियों की समस्या के समाधान के लिए 15 दिन का वक्त मांगा था लेकिन उन्होंने सड़क जाम कर दी और इससे उन्हें गुस्सा आ गया. उन्होंने पूछा कि अगर प्रधानमंत्री का काफिला रोका जाएगा तो क्या कोई स्वीकार करेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह सरकार सहिष्णु है लेकिन अक्षम नहीं है और उसे पता है कि ऐसी स्थितियों से कैसे निपटा जाए.’
बाद में करेगुड्डा गांव में लोगों को संबोधित करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि भविष्य में वह इस बात की सावधानी बरतेंगे कि उनके बोले गए शब्दों को कहीं अपराध न समझा जाए.
उन्होंने कहा, ‘मोदी का नारा लगाने से उद्देश्यों की पूर्ति नहीं होगी क्योंकि आपकी आवाज दिल्ली तक नहीं पहुंचेगी.’ उन्होंने कहा, ‘मैं ही हूं जिसे आपकी आवाज सुननी है और चीजें दुरुस्त करनी है.’
भाजपा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो दिल्ली में मोदी से मुलाकात करने तथा केंद्र द्वारा किए गए कार्यों का लाभ लेने के लिए वह येदियुरप्पा और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए राज्य सरकार के कोष से विशेष ट्रेन की व्यवस्था कर देंगे.
इस बीच कर्नाटक भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस रवैये की निंदा की है और कहा है कि अगर उन्होंने लोगों से माफी नहीं मांगी तो राज्यव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा. कुमारस्वामी की आलोचना करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि गांव में ठहरने के कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों की शिकायतें सुनना था.
उन्होंने कहा, ‘कई किलोमीटर चलकर आपसे मिलने के लिए पहुंचे लोगों को लाठीचार्ज करने की धमकी देना लोकतंत्र के खिलाफ है. संभवत: लोकसभा चुनाव में हार की वजह से मुख्यमंत्री अपना आपा खो बैठे.’
भाजपा के विधान पार्षद एवं प्रवक्ता एन. रवि कुमार ने कहा है कि लगता है कि मुख्यमंत्री यह भूल गए हैं कि वह राज्य के 6.5 करोड़ लोगों के मुख्यमंत्री है न कि जद(एस) के कुछ कार्यकर्ताओं और विधायकों के. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की यह कार्रवाई लोकतंत्र के खिलाफ है.