राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भावी पीढ़ी गौरवशाली परंपराओं को आत्मसात कर सके इसके लिए सरकार इस बोर्ड की स्थापना करेगी.
जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान की संस्कृति, संस्कार तथा परंपराओं से दान की प्रेरणा मिलती है और भावी पीढ़ी भी इन गौरवशाली परंपराओं को आत्मसात करे इसके लिए हमारी सरकार वैदिक शिक्षा व संस्कार बोर्ड की स्थापना करेगी.
गहलोत जयपुर के बिड़ला सभागार में 25वें राज्यस्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में आर्थिक सहयोग देने वाले भामाशाहों का सम्मान किया. उन्होंने कहा कि भामाशाहों ने शिक्षा जैसे पवित्र कार्य के लिए जो सहयोग किया है उसका एहसास मुझे और मेरी सरकार को है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन इतिहास से छेड़छाड़ और शिक्षा में राजनीति नहीं होनी चाहिए.
गहलोत ने कहा कि संप्रग सरकार के समय उद्योगों को अपनी आय का एक हिस्सा कंपनी सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) गतिविधियों के लिए देना अनिवार्य किया गया था. यह एक ऐतिहासिक फैसला साबित हुआ जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य सामाजिक क्षेत्रों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हुई और आमजन को इसका लाभ मिल रहा है.
इस अवसर पर उन्होंने भामाशाहों तथा उन्हें प्रेरित करने वाले प्रेरकों की जानकारी से संबंधित पुस्तिका ‘प्रशस्तियां’ का विमोचन भी किया.
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हमारी सरकार शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लिए हरसंभव प्रयास करेगी. हम शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाएंगे.
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवरसिंह भाटी, संस्कृत शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग, प्रमुख शासन सचिव स्कूल शिक्षा आर. वेंकटेश्वरन सहित बड़ी संख्या में शिक्षाविद् और भामाशाह उपस्थित थे.