एकीकृत जिला शिक्षा प्रणाली सूचना की साल 2017-19 की रिपोर्ट के अनुसार देश के केवल 63.14 प्रतिशत स्कूलों में बिजली मौजूद थी, जबकि बाकी स्कूलों में बिजली नहीं थी.
नई दिल्ली: देश के सभी गांव तक बिजली जरूर पहुंचा दी गई हो लेकिन भारत के करीब 37 प्रतिशत स्कूलों में आज भी बिजली उपलब्ध नहीं है.
एकीकृत जिला शिक्षा प्रणाली सूचना (यूडीआईएसई) की साल 2017-19 की रिपोर्ट के अनुसार, ‘देश के केवल 63.14 स्कूलों में बिजली मौजूद थी, जबकि बाकी स्कूलों में बिजली नहीं थी.’
इस विषय पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि ‘दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना’ के अंतर्गत गांवों/ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाई जाती है. ऐसे स्कूल जिन्हें बिजली कनेक्शन की आवश्यकता है, वे राज्य विद्युत युटिलिटी से संपर्क कर सकते हैं और बिजली सेवा कनेक्शन मौजूदा नियमों के तहत राज्य विद्युत युटिलीटी द्वारा लगाया जाता है.
यूडीआईएसई 2017-19 की रिपोर्ट के अनुसार, असम के 24.28 प्रतिशत स्कूलों में बिजली है, जबकि मेघालय के 26.34 प्रतिशत, बिहार के 45.82 प्रतिशत, मध्य प्रदेश के 32.85 प्रतिशत, मणिपुर के 42.08 प्रतिशत, ओडिशा के 36.05 प्रतिशत और त्रिपुरा के 31.11 प्रतिशत स्कूलों में बिजली कनेक्शन है.
हालांकि लक्षद्वीप, चंडीगढ़ और दादरा और नगर हवेली के सभी स्कूलों में बिजली है, जबकि दिल्ली में 99.93 प्रतिशत स्कूलों में बिजली उपलब्ध है.
आंध्रप्रदेश में 92.8 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 70.38 प्रतिशत, गोवा में 99.54 प्रतिशत, गुजरात में 99.91 प्रतिशत, हरियाणा में 97.52 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 92.09 प्रतिशत और केरल में 96.91 प्रतिशत स्कूलों में बिजली कनेक्शन है.
रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में 85.83 प्रतिशत स्कूलों में बिजली कनेक्शन है जबकि झारखंड में 47.46 प्रतिशत, जम्मू कश्मीर में 36.63 प्रतिशत, पुदुचेरी में 99.86 प्रतिशत, पंजाब में 99.55 प्रतिशत, राजस्थान में 64.02 प्रतिशत, तमिलनाडु में 99.55 प्रतिशत, तेलंगाना में 89.89 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 44.76 प्रतिशत, उत्तराखंड में 75.28 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 85.59 प्रतिशत स्कूलों में बिजली कनेक्शन है.