बीएल संतोष को रामलाल की जगह पार्टी का नया संगठन महासचिव नियुक्त किया गया है. यह पार्टी का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद है.
नई दिल्लीः भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के संयुक्त महासचिव बीएल संतोष को पदोन्नत कर उन्हें रामलाल की जगह पार्टी का नया संगठन महासचिव नियुक्त किया.
रामलाल को एक दिन पहले ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में वापस भेज दिया गया, जो 13 साल से इस पद पर थे.
आरएसएस के प्रचारक संतोष को एक मजबूत विचारक माना जाता है जिन्हें चुनावी राजनीति, खासकर कर्नाटक के संबंध में काफी अनुभव है. वह 2006 से भाजपा से जुड़े हैं.
भाजपा ने जारी बयान में कहा कि वह अपनी नई जिम्मेदारी तत्काल प्रभाव से संभालेंगे.
संतोष को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह के भरोसेमंद हैं. उनके विचारों ने दक्षिणी राज्यों, खासकर कर्नाटक से संबंधित पार्टी के फैसलों में अक्सर अहम भूमिका निभाई है. वह मूल रूप से कर्नाटक के ही रहने वाले हैं.
भाजपा ने 2014 में उन्हें राष्ट्रस्तरीय पद दिया और उन्हें संयुक्त महासचिव (संगठन) बनाकर रामलाल का एक सहयोगी नियुक्त किया. उन्हें दक्षिणी राज्यों का प्रभार दिया गया था.
BJP National President Shri @AmitShah has appointed Shri @blsanthosh as National General Secretary Organisation of the party. pic.twitter.com/vERmCjwPOV
— BJP (@BJP4India) July 14, 2019
वह पार्टी की हिंदुत्व विचारधारा को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ा सकते हैं. संतोष की पार्टी के दूसरे सबसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति ऐसे समय में काफी महत्त्व रखता है, जब पार्टी में सांगठनिक बदलाव होने जा रहे हैं.
हालिया लोकसभा चुनावों से पहले उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ एवं दिवंगत नेता अनंत कुमार की पत्नी तेजस्विनी को उनके गढ़ दक्षिण बेंगलुरु से टिकट नहीं देने के चौंकाने वाले फैसले का मजबूती से बचाव किया था.
उन्होंने कहा था कि पार्टी डीएनए के आधार पर चुनावी टिकट नहीं दे सकती.
हालांकि, उनके इस कदम ने राज्य के नेताओं के एक धड़े को नाराज कर दिया था लेकिन भाजपा प्रत्याशी तेजस्वी सूर्या को इस सीट आसान जीत मिली थी.
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने तेलंगाना और कर्नाटक में अपना प्रदर्शन सुधारा था लेकिन आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में कुछ खास नहीं कर पाई थी.
भाजपा में संगठनात्मक चुनाव अगले कुछ महीने में होने वाले हैं और ये अटकलें तेज हैं कि शाह पार्टी में अपने पद को छोड़ सकते हैं.
ऐसे में संतोष की भूमिका इन बदलावों के बाद संगठन के संचालन में बहुत महत्त्वपूर्ण होने वाली है जिन्हें विधानसभा चुनावों में पार्टी को पूरी तरह तैयार भी रखना होगा.