सुप्रीम कोर्ट ने उपहार सिनेमा में लगी आग के मामले में रियल एस्टेट दिग्गज गोपाल अंसल को एक साल की सजा सुनाई है. इस घटना में 59 लोग मारे गए थे.
शीर्ष अदालत ने 2:1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया और गोपाल अंसल को एक साल कारावास की बची हुई सजा पूरी करने के लिए चार हफ्ते में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है.
अदालत ने बड़े भाई सुशील अंसल की अधिक उम्र को ध्यान में रखते हुए उन्हें राहत दी और उन्हें उतने ही समय की सजा सुनाई जितनी अवधि वह जेल में गुजार चुके हैं. इस अवधि में उन्हें दी गई छूट भी शामिल है.
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने बहुमत के अपने फैसले में कहा कि अदालत की ओर से सुशील और गोपाल अंसल पर लगाया गया 30-30 करोड़ रुपये का जुर्माना ज्यादा नहीं है.
न्यायमूर्ति गोगोई और न्यायमूर्ति जोसेफ ने बहुमत का फैसला दिया जबकि न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल अल्पमत में थे.
शीर्ष अदालत ने यह आदेश सीबीआई और पीड़ितों की संस्था की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुनाया. याचिकाओं में वर्ष 2015 में सुनाए गए फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया था.
नवंबर, 2015 के फैसले में अदालत ने गोपाल अंसल और सुशील अंसल को तीन महीने के भीतर 30-30 करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करने का निर्देश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने उम्र के आधार पर कहा था कि जुर्माना न देने की सूरत में दो साल जेल की सजा दी जाएगी. सुशील अंसल पांच महीने जबकि गोपाल अंसल चार महीने की सजा काट चुके हैं.
इससे पहले दो जजों की बेंच ने अलग-अलग फैसले सुनाए जिसकी वजह से मामले को तीन जजों की बेंच में भेजा गया था.
इस फैसले में कहा गया था कि जुर्माने के रूप में 30-30 करोड़ रुपये नहीं देने पर सुशील अंसल और गोपाल अंसल को दो साल की कैद की सजा भुगतनी होगी.
13 जून, 1997 को राजधानी दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में हिंदी फिल्म बॉर्डर का प्रदर्शन हो रहा था. तीन से छह वाले शो के बीच सिनेमाहाल में अचानक आग लग गई. इस दर्दनाक अग्निकांड में 59 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग भगदड़ में घायल हो गए थे.