माकपा नेता वृंदा करात ने अमित शाह को लिखा पत्र, नफ़रत फैलाने वाले वीडियो पर कार्रवाई की मांग की

करात ने कहा, 'ये वीडियो किसी एक समुदाय द्वारा किसी विशेष समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने और उन्हें धमकाने वाले हैं.'

वृंदा करात. (फोटो साभार: ट्विटर/सीपीआई(एम))

करात ने कहा, ‘ये वीडियो किसी एक समुदाय द्वारा किसी विशेष समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने और उन्हें धमकाने वाले हैं.’

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वृंदा करात. (फोटो साभार: ट्विटर/सीपीआई(एम))

नई दिल्ली: माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने बृहस्पतिवार को गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाले वीडियो के प्रसार की अनुमति देने के लिए यू-ट्यूब के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

करात ने ऐसा ही एक पत्र पुलिस उपायुक्त (मध्य) मंदीप सिंह रंधावा को भी लिखा है जिसमें उन्होंने ऐसे कुछ वीडियो के लिंक की सूची दी है.

करात ने शाह को लिखे पत्र में कहा, ‘मैं आपको यह पत्र यू-ट्यूब चैनलों और वाट्सऐप ग्रुप पर मौजूद ऐसे वीडियो के संबंध में लिख रही हूं, जो किसी समुदाय ‍विशेष की ओर से दूसरे समुदाय के खिलाफ स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक नफरत, हिंसा और भय पैदा करने के लिए तैयार की गई है.’

पुलिस उपायुक्त को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि इन वीडियो में एक खास समुदाय को निशाना बनाया गया है. उन्होंने लिखा, ‘ये वीडियो किसी एक समुदाय द्वारा किसी विशेष समुदाय के खिलाफ हिंसा भड़काने और उन्हें धमकाने वाले हैं.’

उन्होंने कहा कि वीडियो और उनका प्रसार आईपीसी और आईटी अधिनियम के साथ-साथ आतंक के कृत्यों के खिलाफ कानूनों के तहत आपराधिक कृत्य है.

करात ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं है कि इस तरह की राष्ट्र-विरोधी सामग्रियों को अपने चैनल पर प्रसार की अनुमति देने के लिए यू-ट्यूब चैनलों के मालिक/ इन्हें चलाने वाले लोग भी बराबर दोषी हैं. चूंकि यू-ट्यूब की पहुंच दुनिया भर में है, इसलिए भारत से निकलने वाले ऐसे सांप्रदायिक घृणा और अत्यधिक उत्तेजक वीडियो दुनिया भर में भारत की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाते हैं और इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं.’

उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कराने की भी मांग की है. उन्होंने वीडियो को हटाने के लिए यू-ट्यूब पर दबाव बनाने और इस आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार को रोकने की भी मांग की.