जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कारणों से अतिरिक्त सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाए जाने के बाद जारी अनिश्चितता की स्थिति बरकरार है. वहीं, कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और माकपा नेता एमवाई तारिगामी ने दावा किया कि उन्हें रविवार रात को गिरफ्तार कर लिया.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाए जाने के बाद जारी अनिश्चितता की स्थिति के बीच रविवार देर रात राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को उनके ही घर में नजर बंद कर दिया गया.
सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को उनके घरों में हिरासत में ले लिया गया है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है, क्योंकि आतंकवादी धमकी और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ शत्रुता बढ़ने के बीच तड़के कश्मीर में कर्फ्यू लगाया जाएगा.
I believe I’m being placed under house arrest from midnight tonight & the process has already started for other mainstream leaders. No way of knowing if this is true but if it is then I’ll see all of you on the other side of whatever is in store. Allah save us 🙏🏼
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 4, 2019
नेशनल कांफ्रेंस के नेता अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘मुझे लगता है कि मुझे आज आधीरात से घर में नजरबंद किया जा रहा है और मुख्यधारा के अन्य नेताओं के लिए भी यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है. इसकी सच्चाई जानने का कोई तरीका नहीं है लेकिन अगर यह सच है तो फिर आगे देखा जाएगा.’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘कश्मीर के लोगों के लिए हमें नहीं मालूम कि क्या चल रहा है लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लाह ने जो भी सोचा है वह हमेशा बेहतर होगा, हमें यह शायद अभी नजर न आए लेकिन हमें कभी उनके तरीकों पर शक नहीं करना चाहिए. हर किसी को शुभकामनाएं, सुरक्षित रहे और सबसे जरुरी कृपया शांति बनाए रखें.’
How ironic that elected representatives like us who fought for peace are under house arrest. The world watches as people & their voices are being muzzled in J&K. The same Kashmir that chose a secular democratic India is facing oppression of unimaginable magnitude. Wake up India
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 4, 2019
वहीं, महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘कितना अजीब है कि शांति के लिए लड़ाई लड़ने वाले हम जैसे चुने हुए प्रतिनिधियों को अब नजरबंद किया जा रहा है. दुनिया देख रही है कि जम्मू कश्मीर में लोगों और उनकी आवाज को दबाया जा रही है. लोकतांत्रिक भारत को चुनने वाले कश्मीर की आवाज को आज दबाया जा रहा है. जागो भारत.’
अधिकारियों ने कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन अस्थायी रूप से रोक दिए हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रटों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं.
इन घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा ने ट्वीट किया, ‘मोबाइल फोन कनेक्शन समेत जल्द ही इंटरनेट बंद किए जाने की खबरें सुनीं. कर्फ्यू का आदेश भी जारी किया जा रहा है. अल्लाह जानता है कि हमारे लिए कल क्या इंतजार कर रहा है. यह रात लंबी होने वाली है.’
उन्होंने कहा, ‘इतने मुश्किल वक्त में, मैं अपने लोगों को आश्वस्त करना चाहती हूं कि जो भी हो हम एकजुट हैं और हम एक साथ लड़ेंगे. जिस पर हमारा अधिकार है उसके लिए लड़ने के हमारे संकल्प को कोई भी चीज नहीं डिगा सकती.’
वहीं, कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और माकपा नेता एमवाई तारिगामी ने दावा किया कि उन्हें रविवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया. कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है और सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है जिसके बीच ये गिरफ्तारियां हुई हैं. बहरहाल, गिरफ्तारियों के संबंध में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.
कश्मीर में रविवार को भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. अधिकारियों ने आतंकवादी खतरे और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर शत्रुता बढ़ने के बीच अहम प्रतिष्ठानों और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा बीच में ही समाप्त करने और तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों से यथाशीघ्र घाटी छोड़ने के लिए कहे जाने के बाद परेशान स्थानीय लोग घरों में जरूरी सामानों का स्टॉक करने के लिए दुकानों और ईंधन स्टेशनों पर बड़ी-बड़ी कतारों में खड़े नजर आए.
वहीं, जम्मू जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रशासनों से उन्हें सोमवार को ऐहतियातन बंद रखने के लिये कहा है. जम्मू की उपायुक्त सुषमा चौहान ने रविवार रात कहा, ” सभी निजी तथा सरकारी स्कूलों और कॉलेजों को ऐतहियातन बंद रखने की सलाह दी गयी है.”
अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की. समझा जाता है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की.
घंटे भर चली इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गॉबा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के सुरक्षाबलों के बीच ताजा झड़प हुई. सेना ने केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर अग्रिम चौकी पर ‘बैट’ के हमले को विफल कर दिया और पांच-सात घुसपैठियों को मार गिराया.
‘बैट’ में आम तौर पर पाकिस्तान सेना के विशेष सुरक्षाकर्मी और आतंकवादी होते हैं.
जम्मू कश्मीर की पार्टियां राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने की कोशिश का विरोध करेंगी
जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों ने राज्य को विशेष दर्जे की गारंटी देने वाले संवैधानिक प्रावधानों को रद्द करने या राज्य को तीन हिस्सों में बांटने की कोशिश से जुड़े किसी कदम का विरोध करने का रविवार को सर्वसम्मत संकल्प लिया.
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बैठक में स्वीकार किये गए प्रस्ताव के हवाले से कहा कि पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने तथा संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए को रद्द करने की किसी कोशिश के परिणामों से उन्हें अवगत कराने का फैसला किया है.
यह बैठक ऐसे समय हुई है जब आतंकवादी हमले की आशंका और नियंत्रण रेखा पर तनातनी बढ़ने के बीच कश्मीर घाटी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाए जाने के साथ ही तनाव की स्थिति रही.
बैठक में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, नेकां नेता उमर अब्दुल्ला, ताज मोहीउद्दीन (कांग्रेस), मुजफ्फर बेग (पीडीपी), सज्जाद लोन और इमरान अंसारी (पीपुल्स कांफ्रेंस), शाह फैसल (जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट) और एम वाई तारिगामी (माकपा) भी शामिल हुए.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया गया कि सभी राजनीतिक पार्टियां जम्मू कश्मीर की पहचान, उसकी स्वायत्तता और विशेष दर्जे को किसी भी प्रकार के हमले से बचाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करेगी.’
उन्होंने कहा, ‘वह बदलाव, अनुच्छेद 35 ए और 370 को खत्म करना, असंवैधानिक परिसीमन और राज्य को तीन हिस्सों जम्मू , कश्मीर और लद्दाख में बांटना लोगों के खिलाफ आक्रमण होगा.’
उन्होंने कहा कि विभिन्न दलों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विभिन्न दलों के नेताओं से राज्य के लोगों को मिली संवैधानिक गारंटी के संदर्भ में उनके वैध हितों की रक्षा की अपील करने का फैसला किया.
पार्टियों ने भारत और पाकिस्तान से ऐसा कोई कदम नहीं उठाने की अपील की है, जो क्षेत्र में तनाव बढ़ाता हो. उन्होंने राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने की भी अपील की.
बैठक के प्रस्ताव का नाम गुपकर घोषणा दिया गया क्योंकि यह बैठक श्रीनगर के गुपकर इलाके में अब्दुल्ला के निवास पर हुई.
यह बैठक महबूबा के आवास पर प्रस्तावित थी, लेकिन अब्दुल्ला के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए इसका आयोजन नेकां नेता के आवास पर हुआ.