द वायर की तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम से बातचीत.
पिछले तीन दशकों में तमिलनाडु ने ऐसा राजनीतिक परिदृश्य नहीं देखा…सत्तारूढ़ दल टूटने की कगार पर है, सत्ता को चुनौती देने वाले के साथ मात्र 5 विधायक हैं और बाकी 130 विधायकों के बारे में अफवाहों का बाजार गर्म है. बुधवार का दिन ओ पन्नीरसेल्वम के लिए व्यस्तता भरा था. चेन्नई के ग्रीनवेज़ रोड पर बने अपने घर में पन्नीरसेल्वम दिनभर छात्रों, समर्थकों और उनसे मिलने आ रहे लोगों से घिरे रहे.
यहां से महज 2 किलोमीटर सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक की जनरल सेक्रेटरी, जिन्हें 5 फरवरी को पार्टी के विधायकों में एकमत होकर अपने मुख्यमंत्री के रूप में चुना है, वो अपने सौम्य व्यवहार के इस धुर विरोधी के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी थीं. दोनों ही जगहों पर अपने ‘दुश्मनों’ के खिलाफ जुबानी जंग जारी थी. यह एक तरह से शक्ति प्रदर्शन का भी दिन था जहां जाहिर है कि वीके शशिकला, जिन्होंने विधायकों की बैठक बुलाई थी, ज्यादा ताकतवर साबित हुई थीं. शशिकला की बैठक में 131 विधायक पहुंचे थे.
शाम होते-होते यह भी साफ हो गया था कि पांच विधायक पन्नीरसेल्वम को समर्थन देने उनके घर पहुंचे थे. वहीं पार्टी की आईटी विंग शॉल लेकर शशिकला को मुख्यमंत्री के रूप में अपना समर्थन देने पहुंचे थे. ऐसी भी अफवाह थी कि बाकी जो विधायक शशिकला के पक्ष में हैं, वो कहीं दूसरे पक्ष में न चले जाएं इस डर से उन्हें बसों में भरकर चेन्नई से बाहर ममाल्लापुरम के किसी रिसॉर्ट में पहुंचा दिया गया है. द वायर ने इन अफवाहों की पुष्टि करने का प्रयास किया था, पर इन सभी विधायकों के फोन के बंद मिले.
वहीं पन्नीरसेल्वम ने सुबह एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘ मैं किसी वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में दिवंगत मुख्यमंत्री माननीय ‘अम्मा’ की मौत की जांच के लिए एक आयोग के गठन का आदेश दूंगा.’ बाद में उन्होंने इस बात पर सफाई देते हुए कहा कि उन्हें अम्मा की मौत की वजह पर कोई संदेह नहीं है, वो बस लोगों के मन में इसको लेकर उठे शक को दूर करने की कोशिश कर रहे थे.
पन्नीरसेल्वम ने इस बात का भी खंडन किया कि केंद्र सरकार उन्हें शशिकला के मुख्यमंत्री बनने के खिलाफ समर्थन दे रही है. इस बात पर सवाल करने पर उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, ‘ये साफ झूठ है.’ उन्होंने यह भी कहा कि वे ताउम्र पार्टी के साथ ही रहेंगे, साथ ही वे नहीं चाहते कि कभी पार्टी दो टुकड़ों में बंटे.
देर रात द वायर से बात करते हुए उन्होंने अपने अगले कदम पर चर्चा की, साथ यह विश्वास भी जताया कि सदन में विश्वास मत में फैसला उनके ही पक्ष में होगा. साथ ही सोशल मीडिया पर चल रहे उन चुटकुलों और तस्वीरों, जहां इस हालिया बगावत के कारण उनकी तुलना रजनीकांत की मशहूर फिल्म कबाली के मुख्य किरदार से की जा रही है, को लेकर मजाक भी किया.
आपके अनुसार सदन में विश्वास मत में आप खुद को साबित कर देंगे पर अधिकांश विधायक आपके साथ नहीं हैं. इस विश्वास की वजह क्या है?
मुझे बस यकीन है. कल (मंगलवार) से मुझसे कई लोगों ने संपर्क किया और साथ देने की बात कही. परिस्थितियां बदल रही हैं. जब भी विधानसभा सत्र में मुझे विश्वास मत के लिए बुलाया जाएगा मैं इस बात को साबित कर दूंगा
शशिकला का दावा है कि 131 विधायक उनके पक्ष में हैं. अगर बहुमत उनके पास है तब आप क्या करेंगे?
मेरे ख्याल से यह फैसला तो सदन पर छोड़ देना होगा. इस मसले पर अगर कोई व्यक्ति निर्णय ले सकता है तो वो सिर्फ राज्यपाल हैं.
क्या आपने सोशल मीडिया और ह्वाट्सऐप पर आपके बारे में घूमती मज़ाकिया तस्वीरें देखी हैं?
हां, मैंने देखा. मेरे कई दोस्तों ने भी मुझे इनके बारे में बताया.
पर मंगलवार को मरीना बीच पर हुई प्रेस कांफ्रेंस के बाद अब इन तस्वीरों में आपकी छवि बदल गई है, इस पर आपका क्या कहना है?
ऐसा कैसे हुआ? मैंने उन्हें नहीं देखा.
अब आपको ‘कबाली’ और ‘सिंघम’ के रूप में दिखाया जा रहा है. क्या आपको ऐसा लगता है कि आपके बगावती रवैये के बाद लोगों के बीच आपकी छवि सुधरी है?
(ज़ोर से हंसते हुए) मैं एक साधारण आदमी हूं. किसी भी व्यक्ति की छवि लोगों की उसके बारे में सोच से बनती है. जो भी लोगों के बारे में अच्छा सोचेगा, लोग भी उसके बारे में अच्छा सोचेंगे, उसकी तारीफ करेंगे. सोशल मीडिया पर यह साबित भी हो गया है. अगर यह मेरे बारे में है तो मैं अपनी आखिरी सांस उनके इस विश्वास को कायम रखने के लिए काम करूंगा.